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जिस स्टेशन पर जबरदस्ती उतार दिया गया था गांधी को, वह होगा खादीमय

नयी दिल्लीः महात्मा गांधी को ‘अश्वेत’ होने के कारण दक्षिण अफ्रीका में एक स्टेशन पर प्रथम श्रेणी के डिब्बे से धक्के मारकर उतार दिया गया था. दक्षिण अफ्रीका के पीटरमारित्जबर्ग रेलवे स्टेशन पर हुई इस घटना के 125 साल पूरे होने वाले हैं. इसकी याद में होने वाले समारोह में वहां स्टेशन के प्लेटफॉर्म तथा […]

नयी दिल्लीः महात्मा गांधी को ‘अश्वेत’ होने के कारण दक्षिण अफ्रीका में एक स्टेशन पर प्रथम श्रेणी के डिब्बे से धक्के मारकर उतार दिया गया था. दक्षिण अफ्रीका के पीटरमारित्जबर्ग रेलवे स्टेशन पर हुई इस घटना के 125 साल पूरे होने वाले हैं. इसकी याद में होने वाले समारोह में वहां स्टेशन के प्लेटफॉर्म तथा ट्रेन के डिब्बों को खादी से सजाया जा रहा है.

खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने बताया कि उसे इस सिलसिले में प्रीटोरिया स्थित भारतीय उच्चायोग और डरबन स्थित भारतीय महावाणिज्यिक दूतावास से 36 इंच चौड़े और 40-50 मीटर लंबे 400 मीटर खादी कपड़े का ठेका मिला है. खादी के इन कपड़ों का इस्तेमाल ट्रेन के डिब्बों को सजाने में किया जाएगा. आयोग के अनुसार , ‘ मोहन दास करमचंद गांधी को श्वेत लोगों के लिए आरक्षित प्रथम श्रेणी के डिब्बे से सात जून 1893 को बाहर फेंक दिया गया था.

इस घटना की 125 वीं बरसी पर याद में समारोह आयोजित किया जाएगा.’ आयोग ने कहा कि समारोह में विदेशमंत्री सुषमा स्वराज भी उपस्थित होंगी. यह साल दक्षिण अफ्रीकी इतिहास के लिए इस कारण भी महत्वपूर्ण है कि यह नेल्सन मंडेला की जन्मशती का साल है. उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में खादी को एक महत्वपूर्ण हथियार बना दिया था. खादी उनके स्वदेशी आंदोलन का आधार बनकर सामने आया था.

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