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Friday, March 29, 2024

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अमेरिकी राजदूत ने कहा, भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत को अग्रणी महाशक्ति के रूप में देखता है अमेरिका

नयी दिल्ली : भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर ने भारत को अमेरिकी कारोबारों के लिए बड़ा संभावित क्षेत्रीय हब बताते हुए गुरुवारको कहा कि अमेरिका भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत को ‘अग्रणी महाशक्ति’ के रूप में देखता है. राजदूत के तौर पर कामकाज संभालने के बाद अपने पहले नीतिगत भाषण में जस्टर ने भारत […]

नयी दिल्ली : भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर ने भारत को अमेरिकी कारोबारों के लिए बड़ा संभावित क्षेत्रीय हब बताते हुए गुरुवारको कहा कि अमेरिका भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत को ‘अग्रणी महाशक्ति’ के रूप में देखता है. राजदूत के तौर पर कामकाज संभालने के बाद अपने पहले नीतिगत भाषण में जस्टर ने भारत के लिए ट्रंप प्रशासन के एजेंडे को रखा और इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका सीमापार आतंकवाद या आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाहों को बर्दाश्त नहीं करेगा.

हालांकि, जस्टर ने अपने भाषण में पाकिस्तान का कोई उल्लेख नहीं किया. अमेरिका ने हाल ही में इस्लामाबाद पर ‘झूठ और धोखेबाजी’ का आरोप लगाते हुए उसे दी जानेवाली सैन्य सहायता को निलंबित कर दिया था. जस्टर ने माना कि अमेरिका और भारत ने शुरू में सैन्य और परंपरागत अनुप्रयोगों के साथ संवेदनशील अमेरिकी प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण से संबंधित विषयों पर ‘तनावपूर्ण’ आदान-प्रदान किये थे. उन्होंने कहा, अभी भारत चार बहुस्तरीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं में से दो में सदस्यता का लाभ उठा रहा है. इनमें दोहरे इस्तेमालवाले पदार्थों पर वासेनार व्यवस्था और मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था हैं।’’

जस्टर ने कहा, हमें यह भी उम्मीद है कि निकट भविष्य में भारत रासायनिक और जैविक हथियारों पर ऑस्ट्रेलिया समूह में शामिल होगा और हम भारत को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में सदस्यता दिलाने के लिए उसके और हमारे अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि साझा मूल्य और समान हित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए नयी दिल्ली और वाशिंगटन के दृष्टिकोण को दर्शाते हैं. अमेरिका भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत को अग्रणी महाशक्ति मानता है.

रक्षा के मामले में और आतंकवाद निरोधक कार्रवाई के संदर्भ में अमेरिकी राजदूत ने कहा कि भारत और अमेरिका ने भयावह आतंकी हमले सहे हैं और लगातार निशाने पर हैं. उन्होंने कहा, हमारे समाजों पर मंडरा रहे इस खतरे को जड़ से समाप्त करने में हमारा मजबूत परस्पर हित है. राष्ट्रपति ट्रंप और अन्य अमेरिकी नेताओं का रुख साफ रहा है कि हम कहीं भी सीमापार आतंकवाद या आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाहों को नहीं सहेंगे. जस्टर के भाषण का बड़ा हिस्सा आर्थिक और व्यापारिक संबंधों में विस्तार के तरीकों पर केंद्रित था. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अमेरिका भारत के साथ व्यापार में सतत कमी को लेकर भी चिंतित है.

उन्होंने कहा कि कई अमेरिकी कंपनियों ने चीन में कारोबार करने में बढ़ती मुश्किलों की बात की है. उसी हिसाब से कुछ कंपनियां वहां अपने कामकाज को कम कर रही हैं, वहीं अन्य कई बड़ी दिलचस्पी से वैकल्पिक बाजारों की ओर देख रही हैं. उन्होंने कहा, भारत व्यापार और निवेश के जरिये रणनीतिक अवसर का लाभ उठा सकता है और भारत-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी कारोबार के लिए वैकल्पिक हब बन सकता है. जस्टर ने कहा कि ट्रंप का चुनावी नारा ‘अमेरिका फर्स्ट’ और भारत सरकार की फ्लैगशिप योजना ‘मेक इन इंडिया’ असंगत नहीं हैं.

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