नयी दिल्ली : मैडम तुसाद संग्रहालय के दिल्ली संस्करण का शुभारंभ होने जा रहा है, जहां लोग अपनी पसंदीदा हस्तियों के मोम के पुतले को नजदीक से देखने का लुत्फ उठा सकते हैं.
मध्य दिल्ली के कनॉट प्लेस की ऐतिहासिक रीगल इमारत में मैडम तुसाद का संग्रहालय है. यह मैडम तुसाद की श्रृंखला का 23वां और सबसे नया संस्करण है.
यह एक दिसंबर से आम लोगों के लिए खुल जायेगा. मरलिन एंटरटेनमेंट्स के अंशुल जैन ने कहा, हम अपने दरवाजे खोलने को लेकर बहुत रोमांचित हैं.
मरलिन एंटरटेनमेंट्स के पास ही समूचे विश्व में मैडम तुसाद का मालिकाना हक है. मैडम तुसाद के पहले संग्रहालय की स्थापना 1835 में लंदन की बेकर स्टरीट में हुई थी.
यह वहां 200 साल से ज्यादा वक्त से चल रहा है और आज विश्व में 23 प्रमुख स्थलों पर यह है. इसमें लंदन, शंघाई, हॉन्गकॉन्ग, बर्लिन और नयी दिल्ली शामिल हैं.
मोम के पुतलों के नयी दिल्ली संग्रहालय को सात खंडों में विभाजित किया गया है, जिसमें इतिहास, खेल, संगीत, फिल्म और राजनीतिक जगत की मशहूर 51 हस्तियों के मोम से बने पुतलों को रखा गया है.
इनमें सलमान खान, टॉम क्रूज, राज कपूर, रणबीर कपूर आदि के मोम से बने पुतले हैं. मैडम तुसाद के एक प्रवक्ता ने बताया कि राज कपूर का मोम का पुतला अकेला ऐसा पुतला है, जो श्वेत-श्याम है.
एक खंड आगंतुकों को मैडम तुसाद का इतिहास बतायेगा, जिसमें बताया जायेगा कि कैसे मोम का पुतला बनाया जाता है.
इस खंड में ही 20 मिनट की एक फिल्म दिखायी जायेगी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना मोम का पुतला बनाये जाने के अनुभवों को बताते हैं.
खेल खंड में, मेरी कॉम, डेविड बेकहम, मिल्खा सिंह और उसैन बोल्ट के साथ ही भारतीय क्रिकेटर कपिल देव और सचिन तेंदुलकर भी हैं.
इतिहास के खंड में महात्मा गांधी, भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, एपीजे अब्दुल कलाम और मोदी के मोम के पुतले हैं.
इस संग्रहालय का टिकट वयस्कों के लिए 960 रुपये और बच्चों के लिए 760 रुपये है.