Amit shah vs Rahul Gandhi: राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए दावा किया कि बुधवार को अमित शाह ने लोकसभा में गलत भाषा का प्रयोग किया. राहुल ने आगे कहा- अमित शाह जी बहुत घबराए हुए थे. उन्होंने गलत भाषा का इस्तेमाल किया, उनके हाथ कांप रहे थे. वह बहुत ज़्यादा मानसिक दबाव में हैं. यह सबने कल देखा. मैंने उनसे जो पूछा, उन्होंने उसका सीधा जवाब नहीं दिया. उन्होंने कोई सबूत नहीं दिया. मैंने उन्हें सीधे चुनौती दी है कि वे जमीन पर आएं और संसद में मेरी सभी प्रेस कॉन्फ्रेंस पर चर्चा करें. मुझे कोई जवाब नहीं मिला.

सदन में क्या हुआ था?
दरअसल अमित शाह जब चुनाव सुधार पर चर्चा का जवाब दे रहे थे, तब उनके मुंह से ऐसा शब्द निकल गया, जिसपर विपक्षी दल के सांसद आपत्ति करने लगे. इसपर शाह ने बीच में रुकते हुए अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह किया कि अगर उनके भाषण में ऐसा कुछ आपत्तिजनक हो तो उसे रिकॉर्ड से हटा दिया जाए. अब सवाल उठता है कि राहुल गांधी जो दावा कर रहे हैं कि शाह ने गलत भाषा का प्रयोग किया था, तो उसपर विधायी मामलों के जानकार अयोध्यानाथ मिश्रा ने प्रभात खबर डॉट कॉम के साथ बातचीत में बताया, कोई भी शब्द असंसदीय तब है, जब उसका प्रयोग किसी दूसरे व्यक्ति के लिए किया जाए. अगर वे उस शब्द का प्रयोग किसी दूसरे अर्थ में करते हैं, तो उसे असंसदीय नहीं माना जाएगा.
वोट चोरी पर राहुल-शाह भिड़े
जब अमित शाह भाषण दे रहे थे, तब राहुल गांधी बीच में उन्हें रोका और कहा, अमित शाह जी, मैं आपको चुनौती देता हूं कि मेरे तीनों प्रेस कॉन्फ्रेंस पर बहस कर लेते हैं. इस दौरान अमित शाह ने थोड़े तीखे लहजे में कहा, मैं 30 साल से विधानसभा और संसद में हूं. संसदीय प्रणाली का लंबा अनुभव है. वह कह रहे हैं कि पहले उनकी बात का जवाब दें. आपकी मुंसिफी से संसद नहीं चलेगी. मेरे बोलने का क्रम मैं तय करुंगा. उन्हें धैर्य होना चाहिए. मेरे भाषण का क्रम वो तय नहीं कर सकते. राहुल गांधी ने पिछले कुछ महीनों में तीन अलग-अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये यह दावा किया था कि कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनावों में वोट चोरी की गई है.
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