ICICI Prudential AMC Pre-IPO: भारत के म्यूचुअल फंड उद्योग में एक बड़ा वित्तीय विकास सामने आया है, जहां आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एसेट मैनेजमेंट (आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी) ने अपना प्री-आईपीओ फेज सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. करीब 4,815 करोड़ रुपये जुटाकर कंपनी ने न केवल आगामी आईपीओ के प्रति उत्साह को मजबूत किया है, बल्कि इससे निवेशकों का भरोसा भी स्पष्ट रूप से दिखाई देता है. सक्रिय म्यूचुअल फंडों के तिमाही औसत प्रबंधित परिसंपत्तियों (क्यूएएयूएम) के आधार पर भारत की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी होने के कारण यह प्री-प्लेसमेंट बाजार में स्वाभाविक रूप से सुर्खियां बटोर रहा है.
प्री-आईपीओ प्लेसमेंट का इश्यू प्राइस
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी ने बुक रनिंग लीड मैनेजर्स के परामर्श से 22,240,841 इक्विटी शेयरों का निजी प्लेसमेंट पूरा किया. प्रत्येक शेयर का निर्गम मूल्य 2,165 रुपये रखा गया, जिसके बदले कंपनी ने कुल 4,815 करोड़ रुपये जुटाए. यह प्री-आईपीओ प्लेसमेंट कंपनी की मजबूत वित्तीय स्थिति और व्यापक निवेशक रूचि है. 30 सितंबर 2025 तक आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी की बाजार हिस्सेदारी 13.3% थी, जो इसके उद्योग में नेतृत्व की पुष्टि करती है.
दिग्गज निवेशकों ने किया निवेश
इस प्री-प्लेसमेंट में 26 दिग्गज निवेशकों ने हिस्सा लिया. इनमें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों प्रकार के प्रमुख संस्थागत निवेशक शामिल हैं. अबू धाबी स्थित लुनेट कैपिटल, स्वर्गीय राकेश झुनझुनवाला की संपत्ति, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के रीजेंट्स, आईआईएफएल एसेट मैनेजमेंट, सर्व इन्वेस्टमेंट्स और प्रशांत जैन द्वारा प्रबंधित 3पी इंडिया इक्विटी फंड जैसे बड़े नाम इस सूची में शामिल हैं. इनके अतिरिक्त, मधुसूदन केला, मनीष चोकानी, डीएसपी इंडिया फंड, व्हाइटओक कैपिटल इंडिया अपॉर्चुनिटीज फंड और एचसीएल कैपिटल जैसी संस्थाओं ने भी महत्वपूर्ण निवेश किया.
बीमा क्षेत्र के दिग्गजों की भी रही भागीदारी
बीमा क्षेत्र के प्रमुख खिलाड़ियों ने भी इस प्री-आईपीओ फंडिंग में भाग लिया. एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, एचडीएफसी लाइफ, कोटक लाइफ, बजाज लाइफ, आदित्य बिरला सन लाइफ, टाटा एआईजी और गो डिजिट जनरल इंश्योरेंस ने प्री-प्लेसमेंट दौर में निवेश किया. इसके अलावा, केदारा कैपिटल, टीआईएमएफ होल्डिंग्स, मालाबार इंडिया फंड और क्लैरस कैपिटल भी इस निवेश सूची में शामिल हैं.
आईसीआईसीआई बैंक का रणनीतिक निवेश
इस प्री-प्लेसमेंट की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक यह रही कि आईसीआईसीआई बैंक ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी और बढ़ाने का निर्णय लिया. बैंक ने 2,140 करोड़ रुपये का निवेश कर एएमसी में अतिरिक्त 2% हिस्सेदारी खरीदी. बैंक खुद अपनी एएमसी की विकास क्षमता और उद्योग में इसकी प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति पर पूरी तरह भरोसा रखता है. यह रणनीतिक कदम कंपनी के मूल्यांकन और भविष्य की ग्रोथ स्टोरी के लिए सकारात्मक संकेत देता है.
आईपीओ का स्ट्रक्चर
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी का आईपीओ मुख्य रूप से प्रमोटर प्रूडेंशियल कॉर्पोरेशन होल्डिंग्स लिमिटेड की हिस्सेदारी बिक्री पर आधारित होगा. आईपीओ में 48,972,994 शेयरों तक की बिक्री का प्रस्ताव (ओएफएस) शामिल है. इसका अर्थ है कि आईपीओ में नई पूंजी नहीं लाई जाएगी, बल्कि मौजूदा प्रमोटर अपनी हिस्सेदारी कम करेंगे. बाजार विश्लेषकों का मानना है कि कंपनी की मजबूत बैलेंस शीट और पहले से ही उच्च लाभप्रदता इसे आईपीओ निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प बनाएगी.
एएमसी उद्योग में कंपनी की बढ़ती पकड़
30 सितंबर 2025 तक आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी का कुल क्यूएएयूएम मूल्य 10,147.6 बिलियन रुपये था. इक्विटी और इक्विटी उन्मुख योजनाओं के क्षेत्र में इसकी बाजार हिस्सेदारी 13.6% रही, जिससे यह भारत की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी बनी हुई है. कंपनी की इक्विटी-उन्मुख हाइब्रिड योजनाओं की हिस्सेदारी भी 25.8% रही, जो क्रिसिल रिपोर्ट के अनुसार उद्योग में सबसे अधिक है.
व्यक्तिगत निवेशकों की हिस्सेदारी
व्यक्तिगत निवेशकों के लिए कंपनी का मासिक औसत प्रबंधित परिसंपत्ति (एमएएयूएम) 6,610.3 बिलियन रुपये रहा, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 13.7% है. यह भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग में किसी भी कंपनी द्वारा व्यक्तिगत निवेशकों से प्राप्त सबसे बड़ी एमएएयूएम है. इसके अतिरिक्त कंपनी का पीएमएस, एआईएफ और अंतरराष्ट्रीय सलाहकार सेवाओं वाला वैकल्पिक निवेश व्यवसाय भी तेजी से विस्तार कर रहा है, जिससे इसे विविध और स्थिर राजस्व मिलता है.
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी ने दिया सबसे अधिक फायदा
निवेशकों को सबसे अधिक फायदा पहुंचाने के मामले में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी अपने सभी प्रतिस्पर्धियों से आगे है. वित्त वर्ष 2025 में कंपनी का ऑपरेटिंग प्रॉफिट (ओपीबीटी) 3,236 करोड़ रुपये रहा, जो एचडीएफसी एएमसी की तुलना में 19% अधिक था. वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में यह अंतर और बढ़ गया, जब कंपनी ने 1,933 करोड़ रुपये का ओपीबीटी दर्ज किया और यह अंतर 26% तक पहुंच गया. यह मजबूत लाभप्रदता कंपनी की संचालन क्षमता और लागत-सक्षमता का प्रमाण है.
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी का वैल्यूएशन
कंपनी का प्रस्तावित मूल्यांकन 1,07,000 करोड़ रखा गया है. वित्त वर्ष 2025 की आय पर इसका पी/ई अनुपात 40.4 गुना है, जो एचडीएफसी एएमसी के 45.5 गुना की तुलना में लगभग 10% की छूट पर है. जबकि वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही के वार्षिक आंकड़ों पर यह छूट लगभग 16% तक पहुंच जाती है. यदि कंपनी के बैलेंस शीट से नकदी को घटाकर ऑपरेटिंग लाभ के आधार पर मूल्यांकन किया जाए, तो यह छूट 16% से 26% तक हो जाती है. निवेशकों के लिए आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी का प्रस्तावित मूल्यांकन अब भी आकर्षक है और इसमें आगे वृद्धि की गुंजाइश है.
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निवेशकों के भरोसे से मजबूत बनी ग्रोथ
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी का प्री-आईपीओ न केवल कंपनी की मजबूत बाजार स्थिति का प्रतिबिंब है, बल्कि यह निवेशकों की बढ़ती रुचि और विश्वास का भी प्रतीक है. 26 बड़े निवेशकों की भागीदारी, उच्च लाभप्रदता, व्यापक एयूएम और प्रतिस्पर्धी वैल्यूएशन इसे आगामी आईपीओ में निवेशकों के लिए एक मजबूत विकल्प बनाते हैं. कंपनी का यह प्री-प्लेसमेंट भारतीय एएमसी उद्योग की विकास संभावनाओं और निवेशकों के बढ़ते विश्वास दोनों को स्पष्ट रूप से सामने लाता है.
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