सलेम (तमिलनाडु) : लव जिहाद के कथित मामले को लेकर चर्चा के केंद्र में रही केरल की महिला हदिया की लंबे समय से लंबित इच्छा बुधवार को पूरी हो गयी जब उसने मोबाइल फोन पर अपने पति से बातचीत की. उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार शिवराज होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई जारी रखने के लिए शहर पहुंचने के एक दिन बाद हदिया ने कॉलेज के डीन के फोन से अपने पति से बातचीत की. कॉलेज के डीन जी कन्नन ने संवाददाताओं को बताया, हदिया ने मेरे मोबाइल फोन से जहां (उसका पति) से बातचीत की जब स्थानीय अभिभावक के तौर पर मैंने उससे पूछा कि क्या उसकी किसी से बातचीत करने या मिलने की इच्छा है. 25 वर्षीय हदिया को कोयंबटूर से कड़ी सुरक्षा के बीच केरल पुलिस कल शाम यहां संस्थान लेकर आयी थी.
इससे पहले जब संवाददाताओं ने उसके पति शफीन जहां के बारे में पूछा तो हदिया ने कहा कि उसका अपने पति से पिछले कुछ महीनों से संपर्क नहीं है, क्योंकि उसके पास मोबाइल फोन नहीं है और उसने सिर्फ अपने माता-पिता से बातचीत की है. हदिया ने कहा, मैं अपने पति से बातचीत करने को बेहद उत्सुक हूं. हदिया इस्लाम धर्म कबूल कर केरल में एक मुस्लिम युवक से शादी करने को लेकर चर्चा में थी.
डीन ने कहा, अपने पति से बातचीत के बाद लगता है उसे अवसाद से राहत मिली है. किसी से बातचीत करने या किसी से उसके मिलने पर कोई पाबंदी नहीं लगायी गयी है. कन्नन ने कहा कि हदिया ने कॉलेज में व्याप्त तनावपूर्ण माहौल और उसकी वजह से छात्रों को हो रही असुविधा पर भी खेद जताया. कन्नन ने कहा कि उसने अपने नाम में बदलाव के लिए कोई आवेदन नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि उसने अपने पिछले नाम (हिंदू नाम-अखिला अशोकन) से ही इंटर्नशिप के लिए आवेदन दिया है.
कन्नन ने हालांकि कहा कि इस बात को लेकर थोड़ा भ्रम है कि कॉलेज में छुट्टियों के दौरान उसे कहां और किसके साथ भेजा जायेगा. उन्होंने कहा कि कॉलेज प्रबंधन इस संबंध में शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटायेगा. उन्होंने कहा कि कॉलेज के सभी नियम, नियमन और पाबंदियां उस पर भी लागू होंगी और सप्ताह में एक बार उसे अपनी जरूरत का सामान खरीदने के लिए हॉस्टल वार्डन के साथ बाहर जाने की अनुमति दी जायेगी.
इस बीच, कॉलेज प्रशासक कल्पना शिवराज ने कहा कि प्रबंधन पढ़ाई पूरी करने के लिए हदिया की हरसंभव मदद करेगा. उन्होंने कहा कि हदिया के अनुरोध पत्र को मंजूरी के लिए डॉ एमजीआर यूनिवर्सिटी को भेज दिया गया है. पुलिस ने बताया कि एक उपनिरीक्षक, चार कांस्टेबल (जिसमें से दो पुरुष और दो महिला) उसकी सुरक्षा के लिए तैनात रहेंगे.
हदिया ने इससे पहले कॉलेज में संवाददाताओं से कहा, पिछले छह महीनों से मैं उन लोगों (माता-पिता) से बातचीत कर रही थी, जिनसे बातचीत करना मैं पसंद नहीं करती हूं क्योंकि उनके साथ रहने के दौरान उन्होंने मुझे प्रताड़ित किया. शीर्ष अदालत ने सुनवाई के बाद हदिया को अपने माता-पिता की कस्टडी से आजाद कर दिया था और उसे अपनी पढ़ाई जारी रखने को कहा था. हदिया ने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के आदेश की प्रति मिलने के बाद मीडिया से बातचीत करेगी.