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बिहार के बेटे प्रद्युम्न की हत्या में इस्तेमाल चाकू में फंसा पेंच, फंसेगी हरियाणा पुलिस

नयी दिल्लीः बिहार के बेटे प्रद्युम्न ठाकुर की दिल्ली से सटे गुड़गांव में की गयी नृशंस हत्या के मामले में हरियाणा पुलिस केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआर्इ) के रडार पर है. सीबीआर्इ की जांच में इस बात का एक नया खुलासा किया गया है कि बिहार के बेटे की हत्या करने के लिए आरोपी छात्र ने […]

नयी दिल्लीः बिहार के बेटे प्रद्युम्न ठाकुर की दिल्ली से सटे गुड़गांव में की गयी नृशंस हत्या के मामले में हरियाणा पुलिस केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआर्इ) के रडार पर है. सीबीआर्इ की जांच में इस बात का एक नया खुलासा किया गया है कि बिहार के बेटे की हत्या करने के लिए आरोपी छात्र ने सब्जी मंडी से चाकू खरीदी थी, जबकि हरियाणा पुलिस ने अपनी प्राथमिकी में इस बात का दावा किया था कि रेयान इंटरनेशनल स्कूल की बस का कंडक्टर अशोक ने उत्तर प्रदेश के आगारा से चाकू की खरीद की थी. सीबीआर्इ का नया खुलासा हरियाणा पुलिस की मंशा पर ही बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है.

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इसके साथ ही, बताया यह भी जा रहा है कि सीबीआर्इ के रडार पर आयी हरियाणा पुलिस के उन कर्मचारियों की काॅल डिटेल की जांच की जायेगी, जो बिहार के बेट की हत्या के मामले में जांच कर रहे थे. इसके अलावा इस हत्याकांड में जुटी सीबीआर्इ एक और बड़ा खुलासा किया है आैर वह यह कि गुड़गांव पुलिस ने प्रद्युम्न मर्डर केस में सबूतों के साथ छेड़छाड़ की थी. इतना ही नहीं, पुलिस ने सुबूत मिटाने की भी कोशिश की थी. हरियाणा पुलिस पर पहली बार इस मामले में इतने संगीन आरोप लगे हैं. इससे पहले पुलिस बस कंडक्टर अशोक को आरोपी बनाने में भी घिरी हुई है.

सीबीआर्इ सूत्रों का कहना है कि शक के घेरे में आये कुछ पुलिसवालों के कॉल रिकॉर्ड की भी जांच की जा रही है. उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जा सकती है. कहा यह भी जा रहा है कि इस मामले में कुछ पुलिसवाले गिरफ्तार भी किये जा सकते हैं. सीबीआर्इ के प्रवक्ता आरके गौड़ का कहना है कि जांच में किसी भी प्रकार की कमी नहीं छोड़ी जायेगी. इस मामले में जिससे भी पूछताछ करने की दरकार होगी, उनसे पूछताछ की जायेगी.

उन्होंने कहा कि सबसे पहले आरोपी की पहचान करने का काम किया जाता है. आरोपी की पहचान होने के बाद फिर मामले से संबंधित लोगों की पहचान की जाती है. जिसके ऊपर भी संदेह होगा, उससे पूछताछ की जायेगी. सीबीआर्इ के अधिकारियों के हवाले से बताया जा रहा है कि गुड़गांव पुलिस ने शुरुआती छानबीन के दौरान लापरवाही और जल्दबाजी की. इसके साथ ही, उस वक्त मीडिया के सामने अशोक द्वारा गुनाह कबूल किये जाने को लेकर भी अब कहा जा रहा है कि उसने पुलिस के भारी दबाव में आकर ऐसा किया था.

बड़ा सवाल यह भी है कि पुलिस कैसे एक बेगुनाह को आरोपी बना सकती है. यह भी कम आश्चर्यजनक नहीं है कि पुलिस आरोपी 11वीं के छात्र से भी कई बार पूछताछ कर चुकी थी, लेकिन सीसीटीवी फुटेज पर गौर ही नहीं किया, जिसमें वह आरोपी प्रद्युम्न के साथ था. सीबीआर्इ जांच में भी यह बात भी सामने आ रही है कि मीडिया के भारी दबाव और परिजनों के सरकार और ऊपरी कोर्ट में गुहार लगाने के चलते गुड़गांव पुलिस ने बस कंडक्टर अशोक कुमार को आरोपी बना दिया था. यही नहीं उसके पास से हथियार पाये जाने का भी दावा किया.

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