सिरसा : डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के ठिकाने की तलाशी के लिए जारी अभियान के दूसरे दिन आज परिसर में पटाखे बनाने का एक अवैध कारखाना मिला है. पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देश पर कल शुरु किये गये इस व्यापक तलाशी अभियान में पुलिस, अर्द्धसैनिक बल और नागरिक प्रशासन के जवान शामिल हुये.
राज्य के जन संपर्क विभाग के उप निदेशक सतीश मेहरा ने बताया, ‘ ‘डेरा परिसर में एक पटाखा बनाने के कारखाने का पता चला है और यह अवैध कारखाना है. ‘ ‘ मेहरा को मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत किया गया है. उन्होंने बताया कि वहां से पटाखा बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली विस्फोटक सामग्री भी मिली है. मेहरा ने बताया, ‘ ‘अवैध कारखाने को सील कर दिया गया है. ‘ ‘ तलाशी अभियान के पहले दिन कल गुरमीत सिंह की उस कथित गुफा की फारेंसिक जांच भी की गई जिसका इस्तेमाल वह कथित तौर पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने के लिए करता था.
डेरा से एक अपंजीकृत लग्जरी कार और कुछ प्रतिबंधित नोट भी बरामद किए गए. करीब 12 घंटे चले इस अभियान के दौरान कुछ कमरों को सील भी किया गया और वहां से हार्ड डिस्क ड्राइव और बिना लेबल की कुछ दवाएं भी बरामद की गयीं. इस तलाशी अभियान की पूरी प्रक्रिया को सेवानिवृत्त जिला और सेशंस जज एकेएस पवार की निगरानी में चलाया गया और इस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गयी. पवार को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को इस कार्य के लिए ‘कोर्ट कमिश्नर ‘ नियुक्त किया था.
डेरा मुख्यालय की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग पर कर्फ्यू जारी है और किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को डेरा परिसर में जाने की अनुमति नहीं है हालांकि, सिरसा शहर में जनजीवन सामान्य हो गया है. अधिकारियों ने बताया कि सिर्फ पुलिस बस और अर्द्धसैनिक बलों के वाहनों, त्वरित कार्य बल के वाहनों , बम निरोधक दस्ते और तोड़-फोड़ निरोधक टीम के वाहन, पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को लेकर जाने वाले वाहनों सहित बड़ी संख्या में वाहनों ने डेरा परिसर में प्रवेश किया. विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारियों को लेकर जिला प्रशासन के वाहन भी डेरा परिसर के भीतर पहुंचे.
इसके अलावा, कुछ दकमल गाड़ियां, कुछ अन्य मशीनों और ट्रैक्टरों को भी तलाशी अभियान में लगाया गया. डेरा के पास 16 ‘नाका ‘ बनाए गए हैं और सिरसा जिला में अर्द्धसैनिक बलों की 41 कंपनियों को तैनात किया गया है. डेरा मुख्यालय से अलग हो चुके बहुत से पूर्व डेरा अनुयायियों ने मीडिया को बताया था कि डेरा प्रमुख और उनके करीबी सहयोगियों के अलावा किसी भी अन्य व्यक्ति को ‘गुफा ‘ या डेरा प्रमुख के निजी आवास में जाने की अनुमति नहीं थी.
करीब 800 एकड में फैले डेरा को तलाशी अभियान के लिए दस जोन में बांटा गया है और हर जोन का संचालन एक वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं. डेरा परिसर में शैक्षणिक प्रतिष्ठान, बाजार, एक अस्पताल, स्टेडियम, मनोरंजन केंद्र और आवास बने हुये हैं. कुछ फिल्मों का निर्देशन और सह-निर्माण करने वाले डेरा प्रमुख के परिसर में कुछ ऐसी दुकानें भी हैं जहां दो साल पहले शुरु हुए ‘एमएसजी ‘ ब्रांड के उपभोक्ता उत्पाद बेचे जाते थे.