श्रीनगर/नयी दिल्ली : हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के इस हफ्ते के आखिर में एक साल पूरे होने के मद्देनजर जम्मू कश्मीर पुलिस ने इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को सभी सोशल मीडिया साइटों को गुरुवारकी रात 10 बजे से अगले आदेश तक ब्लॉक रखने या उनकी सेवाएं बंद रखने का निर्देश दिया है. कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक मुनीर अहमद खान ने घाटी में विभिन्न इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को यह आदेश जारी किया. आदेश में कहा गया है, ‘राष्ट्र विरोधी तत्वों द्वारा इंटरनेट सेवाओं के दुरुपयोग की आशंका के मद्देनजर आपको सभी सोशल मीडिया साइट ब्लॉक करने का आदेश दिया जाता है. इन तत्वों द्वारा कानून व्यवस्था की स्थिति खराब किए जाने की आशंका है.’
इसमें कहा गया है कि यदि सोशल मीडिया साइटों को ब्लॉक करना संभव नहीं है, तो इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को अगले आदेश तक रात 10 बजे तक कश्मीर घाटी में अपनी सेवाएं बंद कर देनी चाहिए. अधिकारियों के एहतियाती कदम के तहत समूची घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद रखने की भी संभावना है. गौरतलब है कि पिछले साल आठ जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में बुरहान के मारे जाने के बाद व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ था और लंबे समय तक घाटी में कर्फ्यू और बंद रहा था. चार महीने तक सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच रोजाना होनेवाली हिंसा में करीब 85 लोग मारे गये थे और हजारों अन्य घायल हो गये थे.
घाटी में, खासतौर पर दक्षिण कश्मीर में सुरक्षा सख्त कर दी गयी है. पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों ने त्राल इलाके में वानी के पैतृक गांव में लोगों को एकत्र होने से रोकने के लिए चौकसी बढ़ा दी है. वहीं, अलगाववादी संगठनों ने पथराव करनेवालों के खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्रवाई में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए आठ जुलाई को बंद का आह्वान किया है.
इस बीच विरोध प्रदर्शनों की आशंका के मद्देनजर घाटी में तैनात सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ा दी गयी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य में कानून व्यवस्था की संभावित चुनौतियों से निपटने खासकर अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर अर्धसैनिक बल के 21 हजार अतिरिक्त जवान तैनात किये हैं. केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने गुरुवार को बताया कि हम कश्मीर में हालात को नियंत्रण में रखने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. इसके लिये केंद्रीय बलों की 214 कंपनियां भेज दी हैं. जिससे आठ जुलाई और फिर अमरनाथ यात्रा के दौरान शांति एवं कानून व्यवस्था बहाल रखी जा सके. उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों की यह संख्या राज्य पुलिस बल से अतिरिक्त है. इस बीच जम्मू कश्मीर सरकार ने भी छह जुलाई से राज्य के सभी स्कूलों में 10 दिन का ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित कर दिया है.