विधान परिषद में सभापति ने दी जानकारी संवाददाता, पटना विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने मंगलवार को एमएलसी डॉ संजीव कुमार सिंह के एक तारांकित सवाल पर चर्चा के दौरान बताया कि राज्य के सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए कैश लेश स्वास्थ्य बीमा योजना लाने पर सरकार गंभीरता से विमर्श कर रही है. हाल ही में इस मामले में उच्चस्तरीय चर्चा हुई है. सरकार की मंशा है इस योजना पर निर्णय लेने से पहले इस योजना को जिन राज्यों ने लागू किया है, उसका तुलनात्मक अध्ययन कर ले. राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी ने 27 दिसंबर को ””””प्रभात खबर”””” अखबार में ””””””””पीएमसीएच भर्ती 95 एंबुलेंस से 85 लाख की कमाई ”””””””” शीर्षक से प्रकाशित खबर के आधार पर सवाल उठाते हुए कहा कि पीएमसीएच और आइजीआइसी में निजी एंबूलेंस की मनमानी चल रही है. निजी एंबुलेंस चालक डेरा वहां डेरा जमाये रहते हैं. इसके जवाब में प्रभारी मंत्री नीरज कुमार सिंह ने कहा कि पीएमसीएच में मरीज को लेकर जो एंबुलेंस आते हैं, वह रुकते नहीं हैं.उर्मिला ठाकुर के बेगूसराय में बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे नर्सिंग होम से जुड़े सवाल पर प्रभारी मंत्री ने कहा कि दो माह के अंदर यहां नर्सिंग होम के खिलाफ सख्त कार्यवाही पूरी कर दी जायेगी. —–बॉक्स —– खिन्न विधान पार्षदों ने दे दी इस्तीफे की चुनौती – विधान परिषद की कार्यवाही में ऐसे तीन बार मौके आये, जब विपक्ष की सूचनाओं को खारिज कर दिये जाने से खिन्न सदस्यों ने इस्तीफा दे देने की चुनौती दी. अब्दुल बारी सिद्दीकी की पीएमसीएच में निजी एंबुलेंस के संदर्भ में दी गयी सूचना को जब मंत्री ने गलत बताया तो उन्होंने कहा कि मेरी बात गलत हुई तो मैं इस्तीफा दे दूंगा. इसी तरह जब सहरसा के एक उप स्वास्थ्य केंद्र के बंद होने की डॉ अजय कुमार की सूचना को गलत बताया गया तो उन्होंने कहा कि जांच करा लें, अगर उप केंद्र चालू मिलेगा तो मैं इस्तीफा दे दूंगा. महेश्वर सिंह की नल जल की एक सूचना को नकारा गया तो उन्होंने कहा कि सूचना गलत हुई तो मैं दंडित होने को तैयार हूं.
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