सिकटी. प्रधानमंत्री द्वारा नवरात्रि पर जारी जीएसटी बचत उत्सव की घोषणा के बावजूद रोजमर्रा की सामान सस्ती नहीं होने से उपभोक्ताओं को मायूसी हाथ लगी है. जैसे दूध, मक्खन, पनीर, दही सहित दर्जनों वस्तु आज भी पुराने कीमतों पर खरीदने को मजबूर हैं. थोक से लेकर फुटकर विक्रेताओं तक का यही कहना है कि पुराने कीमत पर खरीदे गए समान को अंकित कीमत से कम पर कैसे बेच सकते हैं, ऐसे में हमारी पूंजी डूब जायेगी. ऐसी जीवन रक्षक दवाएं जो जीएसटी से पूर्ण रूप से मुक्त हो गयी है. दावा विक्रेताओं द्वारा यह कह कर कि ये हमारे पुराने कीमत की दवा है इसको हम कैसे नई कीमत पर बेचे. इस मामले में राजकीयकृत प्लस टू उच्च विद्यालय बरदाहा के सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक घनश्याम मंडल का कहना है कि जब सरकार द्वारा जीएसटी में कटौती कर आम उपभोक्ताओं को राहत दी गयी है. लेकिन जिला मुख्यालय के बाजारों से लेकर स्थानीय बाजारों तक जीवन रक्षक दवाओं व दूध, ब्रेड, मक्खन, घी पनीर सहित रोजमर्रा के समान बाजारों में पुराने कीमतों में ही बिक रही है. यह पूछे जाने पर कि अब तो जीवन रक्षक दवाएं जीएसटी मुक्त है तो पुरानी दर पर जोड़ कर ले रहे हैं. दावा विक्रेता का कहना है जब तक पुराना स्टॉक खत्म हो कर नया माल नहीं आयेगा तबतक इसी दर पर दवा लेना होगा.
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