संवाददाता, पटना : पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा बनाये गये 21 जन सुविधा केंद्र में से 20 केंद्रों को अब स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया गया है. इन केंद्रों को अर्बन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जायेगा, जहां शहर के लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी कई जरूरी सुविधाएं मिलेंगी. इन सभी केंद्रों में डॉक्टरों की नियुक्ति कर दी गयी है. ये डॉक्टर ओपीडी के जरिये आम लोगों का मुफ्त इलाज करेंगे. पटना स्मार्ट सिटी की पीआरओ प्रिया सौरभ ने बताया कि सभी केंद्रों की साफ-सफाई और सामान का ऑडिट पूरा हो चुका है और इसकी सूची स्वास्थ्य विभाग को सौंप दी गयी है. साथ ही अब संचालन के लिए भी उन्हें हैंडओवर कर दिया गया है. सिविल सर्जन अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि इन केंद्रों पर खांसी, जुकाम और बुखार जैसी सामान्य बीमारियों का इलाज होगा. साथ ही छोटी-मोटी चोटों का भी प्रबंधन किया जायेगा. इसके अलावा मातृ-शिशु देखभाल पर विशेष ध्यान दिया जायेगा, जिसमें गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच, नवजात शिशुओं का टीकाकरण और पोषण संबंधी सलाह शामिल है. यहां मुफ्त ब्लड टेस्ट, एनीमिया की जांच o सामान्य दवाइयां भी दी जायेंगी. इन केंद्रों पर एएनएम, लैब टेक्निशियन, फार्मासिस्ट और अकाउंटेंट जैसे कर्मचारियों की भी नियुक्ति की जायेगी.
28 तरह की सुविधाओं के लिए शुरू किया गया था जन सेवा केंद्र
मालूम हो कि जन सेवा केंद्रों पर लोगों को आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, जीएसटी सेवा, बिजली बिल, पैन कार्ड, रेलवे टिकट, हवाई टिकट, गैस बुकिंग, होल्डिंग टैक्स, दाखिल-खारिज, स्वास्थ्य सेवाएं, ट्रेड लाइसेंस, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र, जाति व आय प्रमाण पत्र, इ-श्रम कार्ड, फास्टैग, फसल पंजीकरण, वोटर आइडी, रिचार्ज, पासपोर्ट, बीमा, आदि की सुविधाएं मिलनी थीं. लेकिन, एजेंसी के चयन नहीं होने से यह योजना सफल नहीं हो सकी.
इन वार्ड में हुआ था शुभारंभ
साल 2021 में शहर के वार्ड नं. 14 (गर्दनीबाग), वार्ड नं. 21 (श्रीकृष्णा पुरी), वार्ड नं. 22 (एएन कॉलेज), वार्ड नं. 38 (कदमकुआं), वार्ड नं. 43 (राजेंद्र नगर), वार्ड नं. 46 (भूतनाथ रोड), वार्ड नं. 53 (अशोक राज पथ), वार्ड नं. 58 व 65 (पटना सिटी) का शुभारंभ कर दिया गया था. महाबौद्ध जन स्वास्थ्य एवं सर्वांगीण विकास केंद्र नाम की एक प्राइवेट एजेंसी को जन सुविधा केंद्रों के संचालन का जिम्मा दिया गया था. लेकिन, एजेंसी इसका सही ढंग से संचालन नहीं कर पा रही थी. इसी कारण हमने उनसे टेंडर वापस ले लिया. इसके बाद किसी एजेंसी ने इसके संचालन में रुचि नहीं दिखायी.
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