रांची. नीति आयोग शासी निकाय की 10वीं बैठक 24 मई को नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी इसमें शामिल होंगे. बैठक में नगर विकास विभाग द्वारा विकसित भारत 2047 के तहत रोडमैप पेश किया जायेगा. साथ ही नौवीं बैठक की कार्यवाही का एक्शन टेकन रिपोर्ट(एटीआर) भी पेश करेगा. विभाग ने इससे संबंधित रिपोर्ट योजना एवं विकास विभाग को भेज दी है. विभाग द्वारा नीति आयोग शासी निकाय की नौवीं बैठक की कार्यवाही का एटीआर पेश करते हुए बताया गया है कि नौवीं बैठक में मुद्रा ऋण और पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थी आधार के विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसका उद्देश्य हाशिए पर रहनेवाले समुदायों और अनौपचारिक श्रमिकों को सशक्त बनाना है.
झारखंड में 6278 जरूरतमंद लोगों को 55.33 करोड़ रुपये के मुद्रा ऋण वितरित
एक महत्वपूर्ण कदम के तहत झारखंड में 6278 जरूरतमंद लोगों को 55.33 करोड़ रुपये के मुद्रा ऋण वितरित किये गये हैं, जिससे इस योजना का विस्तार अतिरिक्त 12 शहरी स्थानीय निकायों तक हुआ है. इसके अलावा स्ट्रीट वेंडरों के लिए पीएम स्वनिधि योजना का प्रबंधन राज्य स्तर पर नगरपालिका प्रशासन निदेशालय द्वारा किया जा रहा है. झारखंड ने हर शहरी स्थानीय निकाय के लिए जलापूर्ति योजनाएं शुरू की हैं, जिसमें मौजूदा स्रोतों को बढ़ाने और जल आपूर्ति में स्थिरता सुनिश्चित करने के प्रयास किये जा रहे हैं. लिक्विड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए शहरी क्षेत्र में योजना की पहचान की गयी है. जो अगले पांच वर्षों तक चलेगी. सड़क नेटवर्क के गैप को भी जुडको व यूएलबी भर रहे हैं. डेएनयूएलएम में 24380 एसएचजी गठित किये गये हैं. विभाग द्वारा नीति आयोग की होनेवाली 10वीं बैठक के लिए अपनी रिपोर्ट में कहा गया है कि विभाग द्वारा झारखंड सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उद्यमिता एवं कौशल विकास का काम किया जा रहा है.
दीनदयाल अंत्योदय योजना
राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डेएनएयूएलएम) के तहत झारखंड में वर्ष 2014 से लेकर 2024 तक कुल 24380 स्वयं सहायता समूह बनाये गये हैं और 15531 सदस्यों को उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित किया गया है. साथ ही बैंक से किफायती दर पर ऋण उपलब्ध कराते हुए व्यवसाय से जोड़ा गया है. डेएनएयूएलएम के कौशल प्रशिक्षण और प्लेसमेंट के तहत झारखंड में 135751 लोगों को प्रशिक्षित किया है, जिनमें से 110660 को प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है. कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों के तहत 52730 युवाओं को नियोजित किया गया है. जिसमें वेतन आधारित 42456 का नियोजन हुआ है तथा 9674 को स्वरोजगार से जोड़ा गया है. स्व-रोजगार कार्यक्रम के तहत प्रति लाभार्थी दो लाख रुपये तक के ऋण की सुविधा 12652 लाभार्थियों को प्राप्त हुआ है.
7748 एसएचजी को 10 लाख तक के ऋण दिये गये
रिपोर्ट में कहा गया है कि 7748 एसएचजी को सात प्रतिशत ब्याज की दर पर 10 लाख रुपये तक के ऋण उपलब्ध कराये गये हैं. पीएम स्वनिधि योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक, स्ट्रीट वेंडरों को किफायती ऋण प्राप्त हुए हैं. 85418 लाभार्थियों के लिए पहली किश्त के रूप में 10000 रुपये, 20305 लाभार्थियों के लिए दूसरी किश्त के रूप में 20000 रुपये और अपने व्यवसायों को स्थापित करने और मजबूत करने के लिए 4024 लाभार्थियों के लिए तीसरी किश्त के रूप में 50000 रुपये दिये गये हैं. झारखंड में मुख्यमंत्री श्रमिक योजना का उद्देश्य असंगठित श्रमिकों को न्यूनतम 100 दिनों का वेतन प्रदान करना है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो. अपनी शुरुआत से लेकर अबतक 112183 जॉब कार्ड जारी किये गये हैं. वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 20000 नये जॉब कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है.
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