गंगा फिर से रौद्र रूप लेने लगी है. रविवार रात आठ बजे तक जलस्तर खतरे के निशान 33.68 मीटर को पार कर 33.75 मीटर पर पहुंच गया. यानी, नदी इस समय खतरे के निशान से 7 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. बीते 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में 15 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. केंद्रीय जल आयोग की ताजा रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि अगले कुछ समय तक पानी हर घंटे करीब आधा सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ सकता है. हालांकि, बक्सर से इलाहाबाद तक जलस्तर में कमी आनी शुरू होने से राहत की उम्मीद भी बनी हुई है. वहीं, मुंगेर से लेकर दीघा तक गंगा में अभी पानी का दबाव लगातार बढ़ रहा है. बाढ़ प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है.
सखीचंद घाट के घरों में व दीपनगर झुग्गी-बस्ती में घुसा पानी
इस साल तीसरी बार गंगा में जलस्तर बढ़ने के बाद शहर के निकटवर्ती मोहल्ले में बाढ़ का खतरा बढ़ गया. इतना ही नहीं सखीचंद घाट में छह घर डूब गये, तो दीपनगर झुग्गी-बस्ती में फिर पानी घुस गया. पश्चिमी क्षेत्र के मोहनपुर, साहेबगंज, बुनकर बहुल क्षेत्र मदनीनगर आदि में भी पानी घुसने लगा है. गंगा में गिरनेवाला हथिया नाला का पानी स्थिर हो गया है. यहां सड़ांध फैलने से परेशानी बढ़ गयी है.
गंगा किनारे बसे मोहल्लों से तीसरी बार बाढ़ आने से लोगों का धैर्य जवाब देने लगा है. बाढ़ के कारण शहर से सटे गांव व मोहल्लों में जलजमाव से लोगों के बीच मलेरिया व डेंगू का भी दहशत है. इन इलाकों में वायरल बुखार, एलर्जी संबंधी बीमारी फैल रही है. बाढ़ग्रस्त मोहल्ले बैंक कॉलोनी-आदमपुर घाट, मानिक सरकार घाट, दीपनगर, बूढ़ानाथ, सखीचंद घाट, कसबा गोलाघाट, मोहनपुर, साकम, मदनीनगर, लालूचक, साहेबगंज समेत मुफ्फसिल क्षेत्र शंकरपुर दियारा, दारापुर, श्रीरामपुर, दिलदारपुर, चवनिया दियारा, रजंदीपुर, बाबूपुर, घोघा, गोसाईदासपुर, दोगच्छी समेत विभिन्न प्रखंड के सैकड़ों गांव में पानी उतरने से लोग खुश थे. लेकिन फिर पानी आ जाने के बाद लोग सुरक्षित ठिकाना ढूंढ रहे हैं.सखीचंद घाट से बूढ़ानाथ मंदिर का मार्ग अवरुद्ध
सखीचंद घाट से बूढ़ानाथ मंदिर आने का मार्ग अवरूद्ध हो गया है. पुलिया पर पानी चढ़ गया है और पूरा मार्ग डूब गया. स्थानीय देवराज आनंद ने बताया कि अभी इस क्षेत्र में छह घर जलमग्न हुए है. आदमपुर घाट बैंक कॉलोनी के राकेश कुमार ने बताया कि पानी का बहाव इतना तेज है कि तीसरी बार कॉलोनी में पानी घुसना तय है. कसबा गोलाघाट के सुमन राय ने बताया कि यहां पर भी 40 से अधिक घर पर बाढ़ का प्रभाव पड़ा है. उनकी घर की दीवारें कमजोर हो गयी. दीपनगर क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता मनोज कुमार गुप्ता ने शहरी बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में नगर निगम से सफाई व्यवस्था व अन्य सुविधा की मांग की थी. दीपनगर काली ठाकुर लेन के बाढ़पीड़ितों को अब तक कोई राहत सामग्री नहीं मिली है. फिर 120 घरों में पानी घुसने लगा है. लोगों को फिर अपना घर छोड़ना पड़ रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

