भाकपा ने निकाला आक्रोश मार्च अररिया. भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी सीपीएम ने राज्यव्यापी आह्वान पर बुधवार को केंद्र व सूबे की सरकार के विरुद्ध आक्रोश मार्च निकाला. इस मार्च का मुख्य उद्देश्य सूबे की सरकार द्वारा भागलपुर जिला अंतर्गत 1050 एकड़ जमीन, जिस पर हजारों पेड़ लगे हुए हैं. अडानी समूह को एक रुपये सालाना इंटरेस्ट दर पर 30 साल के लिए पेड़ सहित जमीन लीज पर देने के खिलाफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व प्रधानमंत्री मोदी के विरुद्ध आक्रोश मार्च निकाला. जिसमें भाकपा मार्क्सवादी सीपीएम जिला कमेटी अररिया के द्वारा चांदनी चौक पर सूबे के मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री का पुतला दहन किया गया. पार्टी के वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार व बिहार सरकार देश के सभी सार्वजनिक संपत्ति को अपने पूंजीपति मित्रों के हाथ सौंपते जा रही है. पार्टी जिला सचिव कॉमरेड राम विनय राय ने कहा कि एनडीए सरकार को पहले ही पता चल गया है कि 2025 के चुनाव में हार तय है. इसलिए मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री ने अपने मित्र अडानी को भागलपुर का 1050 एकड़ जमीन जिस पर हजारों पेड़ लगे हुए हैं. उनको सौंप दिया है. यह बिहार व देश की आम जनता के साथ धोखा है. जबसे केंद्र में भाजपा सरकार आयी है. अपने पूंजीपति मित्रों को ही लाभ पहुंचाते रही है. इसी तरह नीतीश कुमार अपने मुख्यमंत्री के आखिरी दिनों में भाजपा का कठपुतली बनकर आखिरी दिन गिनती कर रहे हैं. जिसका भाकपा मार्क्सवादी सीपीएम पार्टी पुरजोर विरोध करती है. मौके पर प्रमोद सिंह यादव, ज्ञानदेव पासवान, चंद्रशेखर पासवान, अजीत पासवान, जीवछ ऋषिदेव, रानी देवी, डोमी ऋषिदेव, मो अकबर, राजू ऋषिदेव, पारसमणी देवी हरिनारायण ऋषिदेव, राजकिशोर मांझी, धर्मनाथ मंडल, योगानंद तमतमा, फूल बानो, सीमा प्रवीण, रुकसार, शाहिदा, तब्बसुम ललिता देवी, मुन्ना आलम सहित अन्य कई कॉमरेड साथियों ने भाग लिया.
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