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Health News: रोज योग करने से कम हो सकते हैं गर्भपात के मामले

नयी दिल्ली : पुरुष अगर नियमित रूप से योग करते हैं तो उनकी पत्नियों को बार-बार होने वाले गर्भपात की दिक्कत में कमी आ सकती है क्योंकि इससे शुक्राणु डीएनए की गुणवत्ता में सुधार होता है. दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के शरीर रचना विज्ञान विभाग के विशेषज्ञों ने प्रसूति एवं स्त्री रोग […]

नयी दिल्ली : पुरुष अगर नियमित रूप से योग करते हैं तो उनकी पत्नियों को बार-बार होने वाले गर्भपात की दिक्कत में कमी आ सकती है क्योंकि इससे शुक्राणु डीएनए की गुणवत्ता में सुधार होता है.

दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के शरीर रचना विज्ञान विभाग के विशेषज्ञों ने प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के साथ मिलकर यह शोध किया है. यह शोध अक्तूबर में पत्रिका एंड्रोलॉजी में प्रकाशित हुआ और इंटरनेशनल जर्नल ऑफ साइंटिफिक रिसर्च के फरवरी अंक में प्रकाशित हुआ.

एम्स के शरीर रचना विज्ञान के आण्विक प्रजनन और आनुवंशिकी प्रयोगशाला की प्रभारी प्रोफेसर रीमा दादा ने बताया कि अध्ययन के दौरान उन दंपतियों में 60 पुरुषों को रोजाना योग कराया गया जिनकी पत्नियों का बार-बार गर्भपात हुआ.

दादा ने कहा, इन पुरुषों ने अध्ययन में भाग लेने से पहले कभी योग नहीं किया था. उन्हें 90 दिन तक रोज योग कराया गया. उन्होंने बताया कि इन पुरुषों को सेमिनल ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और शुक्राणु डीएनए को नुकसान पहुंचा था जिससे निषेचन के बाद भ्रूण का सामान्य विकास नहीं हो पाता और इसके परिणामस्वरूप गर्भपात हो जाता है.

दादा ने कहा कि धूम्रपान करना, मद्यपान, फास्ट फूड खाना और पौष्टिक भोजन की कमी, एक जगह बैठे रहने वाली जीवनशैली, मोबाइल फोन का अत्यधिक इस्तेमाल, अत्यधिक मनोवैज्ञानिक तनाव और मोटापा जैसी अस्वास्थ्यकर सामाजिक आदतें ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और डीएनए को नुकसान पहुंचाती हैं.

बच्चे के स्वस्थ जन्म और जीवनभर उसके स्वास्थ्य पर शुक्राणु डीएनए की गुणवत्ता का काफी असर पड़ता है और योग इसमें बेहद मददगार साबित हुआ है.

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