नयी दिल्ली : फूड रेगुलेटर एफएसएसएआई (FSSAI) ने लोगों को स्पोर्ट्स सप्लीमेंट से सेहत पर पड़ने वाले खतरों से आगाह किया है. फूड रेगुलेटर ने स्पोर्ट्स सप्लीमेंट पर एक गाइडिंग डॉक्यूमेंट जारी करते हुए कहा है कि लोगों को हेल्थ सप्लीमेंट और स्पोर्ट्स सप्लीमेंट के बीच अंतर समझना चाहिए. बच्चों में इसके सेवन का घातक परिणाम देखने को मिल सकता है.
एफएसएसएआई ने स्पोर्ट्स स्पलीमेंट में प्रतिबंधित कैमिकल्स की खबरों पर भी चिंता जतायी है और ऐसे पदार्थों की लिस्ट जारी की है. स्पोर्ट्स सप्लीमेंट बनाने वाली कंपनियों को अपने पैकेट पर यह लिखना जरूरी होगा कि इसका इस्तमाल सिर्फ खिलाड़ियों के लिए होना चाहिए और बच्चों को इन सप्लीमेंट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
साथ ही इन्हे बनाने वाली कंपनियों को पूरे सप्लाई चेन की जानकारी देनी होगी. वहीं पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के एक शहर में कई जिम ट्रेनर जिम आने वाले लोगों को हेल्थ सप्लीमेंट के नाम पर नकली दवाएं भी दे रहे हैं, इससे उनके शरीर को काफी नुकसान हुआ है. हेल्थ सप्लीमेंट के नाम पर कुछ ऐसे प्रोडक्ट भी बाजार में बेचे जा रहे हैं जो मानकों पर खरे नहीं हैं.
इनमें एस्ट्रॉयड की मात्रा ज्यादा है, जिससे जल्द मसल बन जाते हैं. परंतु यह शरीर के लिए नुकसानदेह हैं. शहर के कई जिम इस तरह के उत्पाद या तो खुद बेच रहे हैं या फिर वे अपने यहां आने वालों को बाजार से खरीदने की सलाह दे रहे हैं.
प्रोटीन पाउडर के नुकसान
अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग व्यक्ति और शरीर को गठीला बनाने के इच्छुक युवक एक्सरसाइज करने के साथ-साथ प्रोटीन और न्यूट्रीशन सप्लीमेंट वाले ड्रिंक लेना पसंद करते हैं. यह जरूरी नहीं है कि हेल्थ स्टोर में मिलनेवाली हर चीज स्वास्थ्यप्रद हो. किसी भी तरह के प्रोटीन या न्यूट्रीशन सप्लीमेंट लेने के पहले पैक पर लगे लेबल में दी गयी सूचनाओं को पढ़ लेना चाहिए. बहुत अच्छे व प्रतिष्ठित ब्रांड के पाउडर में भी ऐसे पदार्थ मिले होते हैं जो हानिकारक हो सकते हैं.
लोग शरीर को मजबूत बनाने के नाम पर स्टेरॉयड युक्त पाउडर का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो शरीर में मेटाबालिज्म पर तेजी से असर करता है. इनके उपयोग से भूख ज्यादा लगती है, शरीर कार्बोहाइड्रेट की मांग करने लगता है. इससे फैट तो बढ़ता है, मगर किडनी, हार्ट, ब्रेन, हार्मोन्स पर असर पड़ने लगता है. गांठ बन सकती हैं. कैंसर का जोखिम बढ़ता है. पेट व आंतों को नुकसान होता है.