शोध में कहा गया है कि चॉकलेट के फायदे का कारण इसमें मौजूद कोका बीन है, जो इसका मुख्य घटक है और फ्लावनोल्स का एक अच्छा स्रोत है. फ्लावनोल्स एक तरह का प्राकृतिक तत्व है, जो तंत्रिकाओं की सुरक्षा करता है.
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बुजुर्गों के लिए चॉकलेट है फायदेमंद
उम्र ढलने के साथ बुजुर्गों में याददाश्त की समस्या आने लगती है. कई बार उनमें डिमेशिया की शिकायत भी देखी जाती है, जिसके कारण वे अपने सामान कही रख कर भूल जाते हैं. कई बार वे कुछ काम करने जाते हैं और भूल जाते हैं कि उन्हें करना क्या था. एक ताजा शोध के अनुसार […]
उम्र ढलने के साथ बुजुर्गों में याददाश्त की समस्या आने लगती है. कई बार उनमें डिमेशिया की शिकायत भी देखी जाती है, जिसके कारण वे अपने सामान कही रख कर भूल जाते हैं. कई बार वे कुछ काम करने जाते हैं और भूल जाते हैं कि उन्हें करना क्या था. एक ताजा शोध के अनुसार पता चला है कि डार्क चॉकलेट खाने से बुजुर्गों के संज्ञानात्म कौशल में सुधार आ सकता है. इससे उनकी याददाश्त तो बढ़ती ही है, साथ ही दूसरी मानसिक गड़बड़ियां दूर हो सकती हैं.
शोध में कहा गया है कि चॉकलेट के फायदे का कारण इसमें मौजूद कोका बीन है, जो इसका मुख्य घटक है और फ्लावनोल्स का एक अच्छा स्रोत है. फ्लावनोल्स एक तरह का प्राकृतिक तत्व है, जो तंत्रिकाओं की सुरक्षा करता है.
एक शोध में पता चला है कि बुजुर्गों में जो लोग रोजाना कोका फ्लावनोल्स लेते हैं, उनके सामान्य संज्ञान, ध्यान और याददाश्त वाले कार्यों में सुधार आता है. इटली के एलक्यूविला विश्वविद्यालय की वेलिंटिना सोकी के अनुसार यह शोध कोका फ्लावनोल्स का समय के साथ कमजोर होती बुजुर्गों की संज्ञानात्मक क्षमता में सुधार के लिए इस्तेमाल का सुझाव देता है.
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