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पिता ही रोक सकते है बेटे का मोटापा….. जानिए कैसे

कहा जाता है कि बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेवारी मां की होती है और वही उन्हें शुरुआती दिनों में अच्छी आदतें सिखाती हैं.हालांकि, नये शोध की मानें, तो बचपन से पापा यानी पिता अगर बच्चों को छोटी-छोटी चीजों की आदत डलवाएं और उन्हें शारीरिक श्रम के लिए प्रेरित करें, तो वैसे बच्चों में मोटापा के […]

कहा जाता है कि बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेवारी मां की होती है और वही उन्हें शुरुआती दिनों में अच्छी आदतें सिखाती हैं.हालांकि, नये शोध की मानें, तो बचपन से पापा यानी पिता अगर बच्चों को छोटी-छोटी चीजों की आदत डलवाएं और उन्हें शारीरिक श्रम के लिए प्रेरित करें, तो वैसे बच्चों में मोटापा के लक्षण कम पाये जाते हैं. जॉन्स हॉपकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, बाल्टिमोर, मेरीलैंड के मुख्य शोधकर्ता मिचेल वॉन्ग का कहना है कि बच्चों के रोजमर्रा की जिंदगी में पिता की सहभागिता बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए काफी फायदेमंद है.
इतना ही नहीं, यदि पिता दो से चार साल के बच्चों के बाथिंग और ड्रेसिंग यानी नित्य क्रिया, नहाने और उन्हें कपड़े पहनाने तथा उन्हें बाहर ले जाकर स्पोर्ट्स एक्टिविटी में भाग लेने में मदद करें या उन्हें ट्रेनिंग दें, तो वैसे बच्चों को आगे चलकर मोटापे की परेशानियों से नहीं जूझना पड़ता है. यह स्टडी अमेरिका के एक जर्नल में छपी, जो अमेरिकी बच्चों के विकास पर किये गये सर्वे की रिपोर्ट थी.
शोधकर्ताओं ने पाया कि आज भी पिता छोटे बच्चों का ख्याल रखने से कतराते हैं और इसे मां का ही काम समझा जाता है. लेकिन जो पिता ऐसा करते हैं, उनके बच्चे आम बच्चों की तुलना में काफी फिट होते हैं और उनमें मोटापे की समस्या देखने को बहुत कम ही मिलती है.

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