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यह छ: उपाय पथरी से बचाने में है कारगार

बदलती जीवनशैली और खराब खानपान की वजह से पेट से संबंधित कई समस्याएं आम हो गयी हैं. इनमें पथरी सबसे प्रमुख है. यह खराब फूड हैबिट और पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने की वजह से होता है. डॉ एलके झा सीनियर नेफ्रोलॉजिस्ट, मैक्स क्रासले अस्पताल, नयी दिल्ली कैसे होता है पथरी गुर्दों में यूरिक […]

बदलती जीवनशैली और खराब खानपान की वजह से पेट से संबंधित कई समस्याएं आम हो गयी हैं. इनमें पथरी सबसे प्रमुख है. यह खराब फूड हैबिट और पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने की वजह से होता है.
डॉ एलके झा
सीनियर नेफ्रोलॉजिस्ट, मैक्स क्रासले अस्पताल, नयी दिल्ली
कैसे होता है पथरी
गुर्दों में यूरिक एसिड जमा होने की वजह से यह बीमारी होती है. इसमें गुर्दे के अंदर महीन क्रिस्टल एकत्रित हो जाते हैं, जोकि समय के साथ बड़े हो जाते हैं. एक समय में गुर्दे में एक से अधिक पथरी भी हो सकते हैं. यदि पथरी के बड़े होने से पहले ही इसका पता चल जाये, तो कुछ घरेलु उपाय या आयुर्वेदिक दवाई से यह मूत्रमार्ग से बाहर निकल जाती है. यदि पथरी बड़ी हो जाती है (3 से 4 एमएम की) तो भी ट्रीटमेंट से या फिर ऑपरेशन कर गुर्दे से बाहर निकाल दिया जाता है. पथरी की बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को पेट में असहनीय दर्द होता है, साथ ही कई बार पेशाब के साथ खून भी आ सकते हैं.
चिंता की बात यह है कि लापरवाही बरतने से पथरी का साइज बढ़ता है और दर्द असहनीय हो जाता है. पथरी की बीमारी मोटापा, हाइपरटेंशन, शुगर आदि समस्याओं के कारण भी हो सकती है.
गलत खानपान की वजह से शरीर का पाचन तंत्र ठीक से कार्य नहीं करता है. इसकी वजह से शरीर कैल्शियम फॉस्फेट को पचा नहीं पाता और वह गुर्दों में जाकर इकट्ठा होने लगते हैं और यह छोटे-छोटे पार्टिकल्स बनाता है और उसके चारों ओर साल्ट इकट्ठा होने लगता है. कुछ समय में ही यह स्टोन का रूप धारण कर लेता है. स्टोन का साइज दिन-प्रतिदिन बढ़ता जाता है.
ईलाज है संभव
पथरी का ट्रीटमेंट उसके साइज पर निर्भर करता है. चार एमएम से कम की पथरी को मेडिकेशन के माध्यम से ही निकाला जा सकता है. यदि यह पथरी पेशाब की नली में आ चुकी है, तो इसके लिए चिकित्सक यूरेट्रोस्कॉपी करते हैं. पथरी का साइज बढ़ने पर माइनर सर्जरी के माध्यम से पथरी को निकाला जाता है.
हालांकि, आजकल लेजर ट्रीटमेंट का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. इसमें बड़े साइज की पथरी को भी लेजर के माध्यम से अंदर ही तोड़ दिया जाता है और उसके कण बाद में अपने आप निकल जाते हैं. लेजर ट्रीटमेंट में खून कम निकलता है और रिकवरी जल्दी होती है.
पथरी से बचने के उपाय
– अधिक से अधिक पानी पीएं.
– फास्ट फूड से परहेज करें, चूंकि इन फूड्स में सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे कैल्शियम अधिक बनता है.
– कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन अधिक न करें.
– नियमित पौष्टिक और संतुलित आहार लें.
– सुबह-शाम एक्सरसाइज करें और शरीर को एक्टिव बनाएं रखें.
– ओटीसी दवाइयों का सेवन न करें.
बातचीत : कुलदीप तोमर

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