शादी हुई तो रोजगार छूटा, लेकिन जब पति ने छोड़ा तो अपने हॉबी को ही रोजगार का रूप देकर पल्लवी शर्मा आज फैशन शो से लेकर ड्रेस डिजाइनिंग के क्षेत्र में नयी पहचान गढ़ रही हैं.
जिंदगी है, तो मुश्किलें हैं और मुश्किलें हैं तो उनका कोई-न-कोई समाधान भी है. जरूरत है,तो उन समाधानों को तलाशने की. इसके लिए खुद पर भरोसा होना और मुश्किलों से निपटने का साहस होना जरूरी है. पल्लवी शर्मा ने भी ऐसे ही भरोसे और आत्मविश्वास से जीवन की तमाम बाधाओं से जूझते हुए अपना रास्ता बनाया. नेहरू नगर, पटना की रहनेवाली पल्लवी को बचपन से ही ड्रेस डिजाइनिंग का शौक था. उन्होंने फैशन डिजाइनिंग का कोर्स भी किया है. ग्रेजुएशन के बाद वह नौकरी करने लगीं. वर्ष 2009 में शादी हो गयी, तो उन्हें लखीसराय छोड़ कर पटना आना पड़ा. हालांकि शादी के एक साल बाद उनका तलाक हो गया, तो वह एक बार फिर से अकेली हो गयी, पर टूटने या कमजोर पड़ने के बजाय उन्होंने नये सिरे से अपनी जिंदगी की शुरुआत करने का फैसला लिया.
काम ऐसा करें, जिससे लोगों का हो भला
पल्लवी ने अपना काम वर्ष 2010 में शुरू किया था. कहती हैं- ‘शुरुआत में एक एनजीओ से जुड़ी थी, लेकिन शादी होने पर वह सब पीछे छूट गया. मेरे पास ड्रेस डिजाइनिंग का अनुभव था. इसकी मदद से ही जिंदगी की नयी शुरुआत करने का फैसला लिया.’ पल्लवी के अनुसार, हमें ऐसा काम करना चाहिए, जिससे अपने अलावा दूसरों का भी कुछ भला हो सके. पल्लवी ड्रेस डिजाइनिंग करने के अलावा अनाथ बच्चों की मदद भी करना चाहती हैं. उन्हें गोद लेकर उन्हें बेहतर परवरिश देना चाहती हैं.
फैशन शोज से लेती हैं मार्केट की टोह
पल्लवी ड्रेस डिजाइनिंग करने के अलावा अब तक तीन फैशन शोज की पार्टिसिपेंट भी रह चुकी हैं. वर्ष 2015 में रांची में आयोजित फैशन शो में उन्हें दूसरा स्थान मिला था, जबकि इसी साल देहरादून में हुए फैशन शो में वह पहले स्थान पर रहीं. वर्ष 2016 में मुंबई में आयोजित फैशन शो में उन्होंने खादी के अपने स्पेशल कलेक्शन को लॉन्च किया था. पल्लवी बताती हैं- ‘फैशन शोज के जरिये मुझे मार्केट की पसंद का पता चलता है, जिससे आगे काम करने में सुविधा होती है.’
बिजनेस को आगे बढ़ाने की चाहत
शुरुआत में एक रुपये की आमदनी नहीं थी. आज पल्लवी अपने साथ कई लोगों की आमदनी का जरिया बन गयी हैं. कुछ समय पूर्व बिजनेस में घाटा होने से इसे बंद करना पड़ा, लेकिन लोगों को उनका काम पसंद था, तो वे ड्रेस डिजाइन करवाने उनके घर पर पहुंचने लगे. यह देखते हुए पल्लवी ने वर्ष 2010 में घर से ही काम शुरू किया. फिलहाल उनके पास एक स्टाफ है, जो सिलाई करता है. बाकी का सारा काम वह खुद ही देखती हैं. अपने बिजनेस से अब हर महीने 20 से 30 हजार रुपये की आमदनी हो जाती है. अब उनकी प्लानिंग अपने बिजनेस को और आगे तक ले जाने की है.