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World Penguin Day Spcl: पेट के बल लंबी दूरी तक फिसल सकता है यह पक्षी

हर वर्ष 25 अप्रैल को विश्व पेंगुइन दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य इस अनूठे पक्षी के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. जानते हैं, पेंगुइन से जुड़े दिलचस्प तथ्यों के बारे में.

World Penguin Day Spcl: विश्व पेंगुइन दिवस प्रत्येक वर्ष 25 अप्रैल को मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य उड़ने में असमर्थ इन पक्षियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, उनकी प्रजातियों और आवास को संरक्षित करना है, ताकि आने वाली पीढ़ियां इन अद्भुत पक्षी को देख सकें. जानते हैं इस अनूठे पक्षी के जीवन से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्यों के बारे में.

  • पेंगुइन की 18 प्रजातियां होती हैं, जिनमें से लगभग सभी दक्षिणी गोलार्ध में पायी जाती हैं. केवल एक प्रजाति गैलापैगोस पेंगुइन (Galapagos penguin) उत्तरी गोलार्ध में पायी जाती है.
  • पेंगुइन अपनी प्रजाति के आधार पर आकार और वजन में अलग-अलग होते हैं. इनकी ऊंचाई 10-15 इंच से लेकर 3.5 फीट तक होती है. जबकि इनका वजन दो पाउंड से लेकर 88 पाउंड तक होता है.
  • एंपरर पेंगुइन (Aptenodytes forsteri) सबसे बड़ी प्रजाति है, जिसकी औसत ऊंचाई 45 इंच होती है. एंपरर का वजन 88 पाउंड तक हो सकता है.
  • ब्लू पेंगुइन (Eudyptula minor), जिसे लिटिल पेंगुइन, लिटिल ब्लू पेंगुइन या फेयरी पेंगुइन भी कहा जाता है, सबसे छोटा पेंगुइन है. इस प्रजाति के वयस्कों की लंबाई औसतन लगभग 10 से 12 इंच होती है और उनका वजन 2.2 से 3.3 पाउंड के बीच होता है. जिसमें नर मादाओं की तुलना में थोड़े लंबे और भारी होते हैं.
  • पक्षी होने के बावजूद पेंगुइन उड़ नहीं सकते हैं, क्योंकि इनके पास पंख नहीं होते, बल्कि इसकी जगह चपटे फेदर लगे फ्लिपर्स होते हैं.
  • अपने शरीर के अनूठे बनावट (Streamlined body) के कारण पेंगुइन बहुत अच्छे तैराक होते हैं.
  • इनके पैर और जालीदार पंजे शरीर पर बहुत पीछे की ओर होते हैं, और इसी कारण पेंगुइन धरती पर सीधे खड़े रह पाते हैं.
  • लगभग सभी पेंगुइन का शरीर काला और पेट सफेद होता है. शरीर का यह रंग पानी में तैरते हुए इन्हें शिकारियों से बचाता है. हालांकि इनके रंग और पैटर्न प्रजातियों के अनुसार अलग-अलग होते हैं.
  • पेंगुइन मुख्य रूप से अंटार्कटिका में रहते हैं. इनके शरीर में चर्बी की एक मोटी परत और घने फेदर होते हैं, जो इन्हें गर्मी प्रदान करते हैं.
  • पेंगुइन की कई प्रजातियां अपने पेट के बल लंबी दूरी तक फिसल सकती हैं. इस तकनीक को ‘टोबोग्गैनिंग (Tobogganing)’ कहा जाता है.
  • पेंगुइन पानी के भीतर अपनी सांस को 20 मिनट तक रोक कर रख सकते हैं.
  • चूंकि पेंगुइन पक्षी हैं इसलिए इसके दांत नहीं होते. हालांकि इसके मुंह के भीतर दांतेदार उभार होते हैं, जिनका उपयोग ये भोजन को तोड़ने के लिए करते हैं.
  • पानी में पेंगुइन के समूह को राफ्ट कहा जाता है, जबकि जमीन पर उसी समूह को वैडल कहा जाता है.
  • पेंगुइन महासागर का पानी पी सकते हैं, क्योंकि उनके पास एक ऐसी ग्रंथी होती है जो उनके रक्तप्रवाह से लवण (साल्ट) को छान देती है.

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