Vidur Niti: महाभारत काल में विदुर अपनी नीति, धर्मपरायणता और गहन दूर दृष्टि के लिए प्रसिद्ध थे. वे हस्तिनापुर के महामंत्री ही नहीं, बल्कि सत्य और न्याय के अद्भुत स्तंभ माने जाते थे. महात्मा विदुर ने धृतराष्ट्र को सदैव धर्म और न्याय का मार्ग दिखाने का प्रयास किया. उनकी नीतियां द्वापर युग में जितनी महत्वपूर्ण थीं, आज भी उतनी ही जीवन को दिशा देने वाली हैं. विदुर नीति में जीवन से जुड़े ऐसे गहन उपदेश मिलते हैं जो इंसान को सफलता और नैतिक आचरण का मार्ग सिखाते हैं. विदुर नीति में बताया गया है कि कुछ आदतें और कर्म ऐसे होते हैं जो व्यक्ति को धीरे-धीरे पतन की ओर ले जाते हैं. अगर इनसे बचा जाए तो जीवन सुख, समृद्धि और शांति से भरा जा सकता है. विदुर ने स्पष्ट कहा कि तीन बुरी आदतें व्यक्ति के नाश का कारण बनती हैं और इन्हें तुरंत छोड़ देना चाहिए.
- विदुर नीति के अनुसार जो व्यक्ति किसी और के धन को छल, धोखे या जबरदस्ती से छीन लेता है, उसका विनाश निश्चित है. चोरी या फ्रॉड से कमाया गया धन कभी टिकता नहीं और अंततः बर्बादी लाता है.
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- विदुर नीति में कहा गया है कि जो व्यक्ति किसी अन्य की पत्नी या स्त्री के साथ अनुचित संबंध रखता है, उसका पतन निश्चित होता है. यह न केवल पाप है बल्कि समाज और परिवार दोनों को तोड़ने वाला कर्म है.
- सच्चे मित्र का साथ छोड़ना या उसे कष्ट पहुंचाना भी नाशकारी माना गया है. जो इंसान अपने मित्र को धोखा देता है, वह विश्वास और सहयोग दोनों खो देता है, जिसकी वजह से आखिर में अकेलापन और संकट में फंस जाता है.
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