Vidur Niti: किसी भी व्यक्ति के लिए सफलता बहुत मायने रखती है. सफल होने के लिए व्यक्ति बहुत मेहनत करता है. लेकिन, कई बार मेहनत करने के बाद भी मन मुताबिक फल नहीं मिल पाता है या जितनी उन्नति के बारे में सोच कर रखता उतनी उन्नति नहीं कर पाता है. इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे सही से चीजों के बारे में नहीं सोचना. किसी भी काम को करने से पहले कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए इस बारे में आप विदुर नीति के माध्यम से जान सकते हैं. तो आइए इस आर्टिकल से जानते हैं महात्मा विदुर ने इस बारे में क्या बताया है.
इन बातों का रखें ध्यान
विदुर नीति के दूसरे अध्याय के श्लोक में कहा गया है,
अनुबन्धं च सम्प्रेक्ष्य विपाकं चैव कर्मणाम् ।
उत्थानमात्मनश्चैव धीरः कुर्वीत वा न वा । ।
- इस श्लोक के अनुसार, व्यक्ति के लिए सही है कि काम के उद्देश्य, मिलने वाला फल और अपनी उन्नति के बारे में सोच विचार करना चाहिए. इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए सोचना चाहिए कि काम को शुरू को करे या नहीं करे.
- विदुर नीति का ये श्लोक किसी की काम की शुरुआत को लेकर सोचना जरूरी है इस बारे में सीख देता है. अक्सर लोग किसी काम को जल्दबाजी में शुरू कर देते हैं बिना इस बात का ख्याल करे कि आगे इससे कोई लाभ होगा या नहीं. इसलिए ये जरूरी है कि व्यक्ति को अपनी तरक्की को देखकर ये तय कर लेना चाहिए कि काम की शुरुआत करे या न करे.
किन्नु मे स्यादिदं कृत्वा किन्नु मे स्यादकुर्वतः।
इति कर्माणि संचिन्त्य कुर्याद् वा पुरुषो न वा । ।
- इस श्लोक के अनुसार, व्यक्ति को काम शुरू करने से पहले ये विचार करना चाहिए कि इस काम को करने से क्या लाभ होगा और नहीं करने से क्या नुकसान होगा. सब चीजों को सोचने के बाद व्यक्ति उस काम को करे या न करे.
- जिंदगी में जब फैसला लेने का समय आता है तब आप मिलने वाले फायदे और नुकसान के बारे में सोचें तभी उस काम को करें.
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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है

