Parenting Tips: पब्लिक स्पीकिंग यानी सबके सामने कॉन्फिडेंस के साथ अपनी बात रखना, एक जरूरी स्किल है जो बच्चों के पर्सनालिटी और फ्यूचर को निखारती है. अगर बच्चों को कम उम्र से ही सही तरीके से सिखाया जाए, तो वे स्टेज पर या किसी भी ग्रुप में बेझिझक बोल सकते हैं. अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे बिना डरे और घबराए हजारों लोगों के सामने अपनी बातों को रख सकें तो आज की यह आर्टिकल आपके काम की है. आज हम आपको कुछ ऐसे ट्रिक्स बताने जा रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप अपने बच्चे को एक बेहतर पब्लिक स्पीकर बना सकते हैं. तो आइए जानते हैं आसान और असरदार ट्रिक्स.
घर से शुरू करें
बच्चों को पब्लिक स्पीकिंग का पहला एक्सपीरियंस घर पर दें। परिवार के सामने छोटी-छोटी कहानियां, कविताएं या दिनभर के एक्सपीरियंस सुनाने के लिए मोटिवेट करें. इससे उन्हें बोलने की आदत और कॉन्फिडेंस दोनों मिलेगा.
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आसान और छोटे टॉपिक चुनें
शुरुआत में बच्चों को ऐसे टॉपिक दें जिनसे वे जुड़े हों, जैसे उनका पसंदीदा खेल, कार्टून, पालतू जानवर या छुट्टियों का एक्सपीरियंस. इससे वे आसानी से बोल पाएंगे और उन्हें घबराहट नहीं होगी.
पॉजिटिव फीडबैक दें
जब बच्चा बोलने की कोशिश करे तो उसकी तारीफ करें और उसे मोटिवेट करें. गलतियों पर तुरंत टोकने की बजाय, बाद में प्यार से सुधार बताएं. पॉजिटिव माहौल में बच्चा ज्यादा जल्दी सीखता है.
बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान दिलाएं
बच्चों को समझाएं कि पब्लिक स्पीकिंग में सिर्फ बोलना ही नहीं, बल्कि खड़े होने का तरीका, आई कॉन्टैक्ट और एक्सप्रेशंस भी जरूरी होते हैं. इसे मजेदार गेम की तरह सिखाएं ताकि वे सहज महसूस करें.
रोल प्ले और एक्टिविटी करवाएं
पब्लिक स्पीकिंग सिखाने के लिए बच्चों के साथ रोल प्ले गेम खेलें, जैसे न्यूज रीडर, कहानी सुनाने वाला, या किसी कैरेक्टर की एक्टिंग कराएं. इससे वे बोलने के साथ-साथ एक्सप्रेशन और टोन भी सुधारेंगे.
रेगुलर प्रैक्टिस जरूरी
पब्लिक स्पीकिंग एक दिन में नहीं आती। डेली 5 से10 मिनट का प्रैक्टिस बच्चों को धीरे-धीरे एक्सपर्ट बना देता है. उन्हें स्कूल की एक्टिविटी, डिबेट या स्टेज शो में भाग लेने के लिए मोटिवेट करें.
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