Best Places To Watch Dev Deepawali In Varanasi: देव दीपावली, जिसे “देवताओं की दीपावली” भी कहा जाता है, वाराणसी का सबसे अलौकिक और भव्य पर्व है. यह कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जब गंगा के घाटों पर असंख्य दीपों की रोशनी से पूरा काशी नगरी जगमगा उठती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन देवता स्वयं पृथ्वी पर उतरकर भगवान शिव की नगरी काशी में दीप जलाकर उन्हें प्रणाम करते हैं. वाराणसी में इस दिन का दृश्य अद्भुत होता है — गंगा की लहरों पर झिलमिलाते दीप, मंदिरों में गूंजते मंत्र, और चारों ओर फैली भक्ति की भावना वातावरण को दिव्य बना देती है. हर घाट की अपनी अलग छटा होती है, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों दोनों को मंत्रमुग्ध कर देती है. अगर आप इस साल देव दीपावली के पावन अवसर पर वाराणसी जाने का विचार कर रहे हैं, तो यह जानना ज़रूरी है कि कौन से घाट और स्थान इस दिव्य उत्सव के सबसे सुंदर नज़ारे प्रस्तुत करते हैं. तो आइए, जानते हैं वाराणसी में देव दीपावली देखने के बेहतरीन स्थान कौन-कौन से हैं.
देव दीपावली क्या है और इसे वाराणसी में क्यों मनाया जाता है?
देव दीपावली वाराणसी का सबसे भव्य और पवित्र पर्व है, जिसे कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन देवता स्वयं गंगा तट पर उतरकर दीप जलाते हैं. गंगा के घाटों पर हजारों दीप जलाकर भगवान शिव और गंगा मैया की आराधना की जाती है.
देव दीपावली देखने के लिए वाराणसी के कौन-कौन से घाट मशहूर है?
देव दीपावली के दौरान वाराणसी के लगभग सभी घाट सजे होते हैं, लेकिन सबसे प्रसिद्ध घाट हैं —
दशाश्वमेध घाट
राजा घाट
अस्सी घाट
पंचगंगा घाट
राजघाट
इन घाटों पर दीपों की जगमगाहट और गंगा आरती का दृश्य अद्भुत होता है.
देव दीपावली देखने के लिए सबसे अच्छा घाट कौन सा है?
दशाश्वमेध घाट को देव दीपावली देखने के लिए सबसे बेहतरीन माना जाता है. यहां हजारों दीप जलते हैं और भव्य गंगा आरती होती है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं.
क्या देव दीपावली के दिन गंगा आरती होती है?
हां, लेकिन उस दिन आरती का स्वरूप और भी भव्य होता है. गंगा आरती के साथ दीपदान, संगीत और शंखध्वनि से पूरा वातावरण आध्यात्मिक हो उठता है.
अगर आपको भीड़ से बच कर देव दीपावली देखना है तो क्या करें?
अगर आप शांति में दीपों का आनंद लेना चाहते हैं तो ये घाट चुन सकते हैं —
भैंसासुर घाट
रीवा घाट
नागवा घाट
यहां भीड़ कम होती है और गंगा किनारे दीपों का शांत दृश्य बहुत सुंदर लगता है.
क्या गंगा में नाव से देव दीपावली देखी जा सकती है?
हां, बिल्कुल! नाव से गंगा के बीच से जब आप घाटों की ओर देखते हैं, तो पूरा वाराणसी दीपों से जगमगाता दिखाई देता है. यह दृश्य जीवनभर याद रहने वाला होता है.
देव दीपावली के दिन नाव कहां से बुक कर सकते हैं?
आप अस्सी घाट, राजा घाट या दशाश्वमेध घाट से नाव बुक कर सकते हैं. नावें पहले से बुक कर लेना बेहतर होता है क्योंकि उस दिन बहुत भीड़ रहती है.
देव दीपावली देखने का सबसे सही समय क्या है?
देव दीपावली देखने के लिए शाम के समय, सूर्यास्त के बाद से लेकर रात 9 बजे तक का समय सबसे अच्छा होता है. इसी दौरान दीपदान, गंगा आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
दीव दीपावली एक दिन कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए?
घाटों पर अधिक भीड़ होती है, इसलिए बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान रखें.
पानी के किनारे सावधानी बरतें.
दीपदान करते समय कपड़े या बाल आग के पास न लाएं.
प्लास्टिक या कृत्रिम दीपों की जगह मिट्टी के दीपक जलाएं.
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