28.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

लट्ठमार होली खेलने सजे-धजे हुरियारे गुलाल उड़ाते गाते-नाचते पहुंचे बरसाना

Barsana Lathmar Holi 2023: बरसाना में अबीर-गुलाल से सराबोर, सिर पर रंग बिरंगी पगड़ी, शरीर पर बगलबंदी और चमकीली धोती बांधे हुरियारे कमर में गुलाल की पोटली दबा कर सुबह नंदभवन में एकत्रित हुए.

Barsana Lathmar Holi 2023: संकेत भये इकठौर सबै, बिच मोहन सोहत हैं बलराम-कन्हाईं, नंदलाल सखा सब आय रहे, संकेत करै संकेतन ठांई. ढप झांझ बजाय कें होरी सुनाय कें, लट्ठ खायबे कूं नंदगईयां बरसाने धाए, सिर पै पगड़ी तन पै झगुली, कटि फैंट गुलाल कसी, पिचकारी कंधन ढाल सजाय संभार, लगे जंग जीतन की तैयारी. नंद भौंनहिं के जगमोहन में, इकठौर भये सब फाग खिलारी कर, ढाल हिलाय कें गाय बजाय के अनुमति मांगत नंद अगारी. इसी तरह के पद गायन करते हुए नंदगांव के हुरियारे नाचते-गाते कान्हा की ससुराल बरसाना होली खेलने पहुंचे.

होरी के रसिया की जय से गूंज रहा था नंदभवन

अबीर-गुलाल से सराबोर, सिर पर रंग बिरंगी पगड़ी, शरीर पर बगलबंदी और चमकीली धोती बांधे हुरियारे कमर में गुलाल की पोटली दबा कर सुबह नंदभवन में एकत्रित हुए. पूरा नंदभवन होरी के रसिया की जय और वृषभानु के जमाई की जय से गूंज रहा था. हुरियारों के चेहरों पर लठामार होली के निमंत्रण की खुशी साफ झलक रही थी. 10.30 बजे करीब नंदभवन में हुरियारों ने नंदलाला और दाऊजी के सामने पद गाकर उनसे होली खेलने के लिए साथ चलने को कहा. नंदीश्वर महादेव को पद गाकर साथ चल कर अलौकिक होली का आनंद लेने के लिए आग्रह किया. इसके बाद हुरियारे आनंदघन चौपाल पर चलौ, बरसाने में खेलें होरी आदि पद गाते हुए श्रीकृष्ण स्वरूप की पताका को साथ ले बरसाना की ओर पैदल निकल पड़े. संकेतवट स्थित राधारमण मंदिर में अष्टछाप के कवियों के पदों का गायन किया. संकेत भये इकठौर सबै, बिच मोहन सोहत हैं बलराम- कन्हाईं, नंदलाल सखा सब आय रहे, संकेत करै संकेतन ठांई. हुरियारों ने लठामार होली के लिए पाग बांधी. बरसाना के समाजियों ने हुरियारों का स्वागत किया. ठिठोली करते पीली पोखर पहुंचे इसके बाद पताका पूजन किया गया.

नंदगांव की लठमार होली कल

बरसाना के बाद एक मार्च को नंदगांव में लट्ठमार होली का आयोजन होगा. देश-विदेश के हजारों श्रद्धालु अद्वितीय लीला के साक्षी बनेंगे. रंगीली गली और लठामार होली चौक में लट्ठमार होली का आयोजन होगा. नंदगांव की हुरियारिनें भी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गई हैं. हुरियारिनें सोलह शृंगार से सुसज्जित हो रंगीली गली पहुंचेंगी. नंदभवन में बरसाना से आने वाले हुरियारों के स्वागत की तैयारियां जोरों पर है.

नंदगांव की होली में दिखता है सखी भाव

बरसाना और नंदगांव की लट्ठमार होली में समानता नजर आती है. वैसे ही हुरियारे-हुरियारिन की वेषभूषा और ढाल. बावजूद इसके नंदगांव की होली का अलग ही भाव है. समाज गायन के दौरान रसिकजन इन भावों को प्रदर्शित करते हैं. पद गायन के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ग्वालों के साथ बरसाना से राधारानी और सखियों के साथ होली खेल कर बिना नेग (होली का उपहार) दिए नंदगांव लौट आए. इस पर बरसाना की ग्वालिनें नंदबाबा के पास फगुवा मांगने पहुंचीं. गोपी फगुवा मांगन आइ, कियौ जुहार, नंद जू कौं भीतर भवन बुलाई. इस दौरान नंदभवन में नृत्य-गायन होता है. मेवा और मिठाइयों से स्वागत किया जाता है और केसर, अरगजा, अबीर गुलाल आदि से होली होती है. केसर के रंग से भरे मिट्टी के घड़ों को एक-दूसरे पर डाल दोहरे अर्थ वाली शब्दावली का प्रयोग कर हंसी ठिठोली की जाती है. प्रेम पगी गालियां दी जाती हैं. इसके बाद फगुवा दिया जाता है. इसी परंपरा के निर्वहन के लिए बरसाना की लट्ठमार से अगले दिन ग्वालवाल सखी वेष में होली खेलने नंदगांव आते हैं. सखी भाव का प्रदर्शन करने के लिए हुरियारे चुन्नी बांध कर आते हैं. होली के बाद चरण स्पर्श कर क्षमा प्रार्थना की जाती है. नंदगांव में होली खुले चौक में होती है, जो कि श्रद्धालुओं के लिए देखना सुलभ होता है. भीड़ भी कम होने से इसे आसानी से देखा जा सकता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें