9.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पेट में भी हो सकता है टीबी, इन लक्षणों को नहीं करें इग्नोर, जानिए क्या है बचाव के उपाय

पेट का टीबी दूसरे अन्य टीबी के मुकाबले ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि, इसे डायग्नोज कर पाना बहुत मुश्किल होता है. यह पेट के किसी भी हिस्से में हो सकता है. किसी भी उम्र में हो सकता है. इसके शुरुआती लक्षण इतने सामान्य होते हैं कि लोग उसे इग्नोर करते हैं, तब तक टीबी अन्य अंगों को प्रभावित कर चुका होता है.

  • पेट में भी हो सकता है टीबी

  • बढ़ रहे हैं एक्स्ट्रा पल्मोनरी ट्यूबरक्लोसिस के मामले

  • न बरतें लापरवाही

आमतौर पर टीबी को हम मुंह से खून आना, रात को बुखार आना, बार-बार खांसी होना जैसे लक्षणों से पहचानते हैं. हमारी धारणा रही है कि टीबी फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन पिछले कुछ समय से टीबी अपना रूप बदल रहा है. यह शरीर के अन्य हिस्सों जैसे- पेट, स्पाइनल कॉर्ड, हड्डी, ब्रेन, यूटरस, ओवरी तक में भी हो सकता है. इसे एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी कहा जाता है. अपने देश में एक्स्ट्रा पल्मोनरी ट्यूबरक्लोसिस के मामले हाल के वर्षों में काफी तेजी से बढ़े हैं.

खास बात है कि यह किसी भी उम्र में हो सकता है और बाहर से सामान्य दिखने वाले व्यक्ति को भी एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी हो सकता है. आंकड़ों के मुताबिक, भारत में टीबी से होनेवाली मौत में से 20 प्रतिशत मौत पेट की टीबी से हो जाती है.

क्यों खतरनाक है पेट का टीबी: ट्यूबरक्लोसिस एक खास तरीके की बैक्टीरिया माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस के संक्रमण के कारण होता है. पेट का टीबी इंटेस्टाइन के किसी भी हिस्से में हो सकता है. यह छोटी आंत, बड़ी आंत, अपेंडिक्स, कोलन, रेक्टम आदि में हो सकता है. इसकी वजह से इंटेस्टाइन जकड़ जाता है.

पेट का टीबी यदि पहले तीन महीने में डायग्नोज हो जाये तो इसका उपचार आम टीबी की तरह आसानी से हो सकता है, लेकिन इसकी सबसे बड़ी चुनौती यही है कि यह जल्दी पकड़ में नहीं आता. जब तक यह पकड़ में आता है, तब तक टीबी आंतों को गंभीर नुकसान पहुंचा चुका होता है. इसकी वजह से आंतों में घाव हो जाते हैं और टीबी जानलेवा हो जाता है.

कैसे लगता है इस रोग का पता : इसके शुरुआती लक्षणों, जैसे पेट में लगातार दर्द रहना, कुछ भी खाने पर उल्टी हो जाना आदि को बिना इग्नोर किये, डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. पेट के टीबी का पता लगाने के लिए दर्द वाले हिस्से में कोलोनोस्कोपी, एंडोस्कोपी या लिंफ नोड की बायोप्सी की जाती है. अल्ट्रासाउंड में यह बीमारी पकड़ में नहीं आती.

अगर छोटी आंत (स्मॉल इंटेस्टाइन) में टीबी है, तो एंडोस्कोपी में पता लगता है, वहीं बड़ी आंत, कोलन और रेक्टम का टीबी कोलोनोस्कोपी में पता लगता है. डायग्नोज होने के बाद स्टैंडर्ड टीबी का इलाज चलता है, जो 6 महीने से लेकर 12 महीने तक का हो सकता है. इसके अलावा डॉक्टर रोगी का मोंटेक्स टेस्ट (स्किन टेस्ट) व इएसआर द्वारा भी टीबी का पता लगाने की कोशिश की जाती है.

बचाव के लिए क्या करें

  • पेट का टीबी होने का सबसे प्रमुख कारण दूध को बिना उबाले पीना है, इसलिए दूध हमेशा अच्छी तरह उबाल कर ही पीएं. कच्चा दूध पीने से आंतों की टीबी का खतरा होता है. हल्के उबालने की स्थिति में भी टीबी का बैक्टीरिया ठीक से डिस्ट्रॉय नहीं होता.

  • फेफड़ों की टीबी से भी यह रोग इंटेस्टाइन तक पहुंच सकता है. ऐसे में फेफड़ों की बीमारी वाले मरीज के खांसते समय उससे दूर रहें.

  • धूम्रपान वाली चीजों को टीबी के मरीज से शेयर करने पर भी यह बीमारी हो सकती है.

  • बाजार की किसी भी खाने वाली चीज को अच्छी तरह धोने के बाद ही इस्तेमाल करें.

  • बंद व गंदगी वाली जगहों में रहने से टीबी का संक्रमण हो सकता है, इसलिए हमेशा साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें.

  • डायबिटीज के रोगियों को भी इस बीमारी से खतरा होता है, क्योंकि उनके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है.

इन लक्षणों को नहीं करें इग्नोर

  • पेट के टीबी के शुरुआती लक्षण फूड प्वाइजनिंग और अपेंडिक्स के दर्द जैसे ही होते हैं.

  • इसके अलावा खाते ही उल्टी हो जाना, पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द का महसूस होना, बार-बार दस्त होना, मल के साथ खून या मवाद आना, कब्ज का बहुत समय तक ठीक न होना, अचानक वजन कम होने लगना, अचानक से भूख कम लगना आदि लक्षण होने पर डॉक्टर से परामर्श लें.

  • बातचीत व आलेख : विवेकानंद सिंह

Also Read: Health Tips: गुणों का खान है करी पत्ता, कई बीमारियों से दिलाता है राहत, जानिए कैसे करना है इस्तेमाल

Posted by: Pritish Sahay

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें