Aap Jaisa Koi: फिल्म इंडस्ट्री में हीरो और हीरोइन की उम्र का अंतर हमेशा से चर्चा का विषय रही है. अक्सर उम्र में बड़े एक्टर्स स्क्रीन पर कम उम्र की हीरोइनों के साथ रोमांस करते दिखाई देते हैं. बीते समय में फिल्म सिकंदर में सलमान खान और रश्मिका मंदाना को लेकर भी सोशल मीडिया पर बहस हुई थी. इसके बाद अब आर माधवन और फातिमा सना शेख की फिल्म आप जैसा कोई को लेकर भी कई बार दर्शक इसे लेकर सवाल खड़े करते हुए बोल रहे हैं कि यह कहीं न कहीं असहज लगता है. अब इस मुद्दे पर पॉपुलर एक्टर आर माधवन ने चुप्पी तोड़ी है.
“लोग सोचते हैं फिल्म के बहाने मजे कर रहा हूं”
आर माधवन ने एक इंटरव्यू में कहा कि उम्र को लेकर सबसे पहले झटका तब लगता है जब आपके बच्चों के दोस्त आपको अंकल कहने लगते हैं. तब आपको एहसास होता है कि आप उम्रदराज हो रहे हैं. उन्होंने आगे कहा, “जब फिल्मों में कम उम्र की हीरोइन के साथ काम करना पड़ता है तो यह सोचकर सावधानी रखनी पड़ती है कि दर्शक क्या सोचेंगे. कई बार लोग मान लेते हैं कि हीरो फिल्म के बहाने सिर्फ मजे कर रहा है. इस वजह से किरदार के प्रति सम्मान कम हो जाता है और रोल का असर घट जाता है.” उन्होंने माना कि यह मुद्दा काफी संवेदनशील है क्योंकि स्क्रीन पर दिखने वाला रिश्ता दर्शकों की सोच को भी प्रभावित करता है.
‘आप जैसा कोई’ की कहानी
उन्होंने आगे कहा, “अब उम्र के साथ शरीर की ताकत भी कम होती है. 22 साल की उम्र में जो एनर्जी होती है, वो 40-45 साल के बाद वैसी नहीं रहती. इसलिए यह ध्यान रखना जरूरी है कि किन किरदारों और किन लोगों के साथ काम कर रहे हैं, ताकि चीजें अजीब न लगें.” बता दें, आर माधवन की फिल्म ‘आप जैसा कोई’ हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई है, जिसमें उनके साथ एक्ट्रेस फातिमा सना शेख दिखाई दी थी. फातिमा की उम्र 33 साल है और स्क्रीन पर दोनों के बीच उम्र का फासला साफ दिखता है. फिल्म की कहानी भी इसी पर बनाई गई है कि कैसे 40 साल का एक आदमी अपने लिए लड़की तलाश करता है और उम्र से जुड़ी परेशानियां और इनसिक्योरिटी सामने आती हैं.
बॉलीवुड और साउथ में आम है यह ट्रेंड
बॉलीवुड और साउथ इंडस्ट्री की फिल्मों में यह अक्सर देखने को मिलता है कि उम्रदराज हीरो, नई और युवा हीरोइनों के साथ पेयर किए जाते हैं. हालांकि दर्शक इस पर मिश्रित प्रतिक्रिया देते हैं. कुछ लोग इसे सिर्फ फिल्मों का हिस्सा मानते हैं, तो कुछ इसे असमानता के तौर पर देखते हैं. हालांकि आर माधवन ने इस बात पर जोर दिया कि फिल्में बनाते समय उम्र का फर्क ध्यान में रखना बेहद जरूरी है. अगर किरदार की कहानी और उसकी विश्वसनीयता सही ढंग से सामने आए, तो दर्शकों को कोई दिक्कत नहीं होती. लेकिन अगर हीरो-हीरोइन की उम्र का फर्क साफ झलकता है और कहानी में फिट नहीं बैठता, तो लोग इसे तुरंत नोटिस कर लेते हैं.
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