गहलौर (बिहार): अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दकी ने जब हिन्दी फिल्मों में हीरो बनने का सपना देखा था तो लोग उन्हें ‘सनकी’ कहते थे. कोई कहता था , दिमाग खराब हो गया है तो कोई कहता था ये सपना कभी सच नहीं होगा.
जिस तरह से दशरथ मांझी ने लोगों के उपहास की परवाह किए बिना 22 वर्षों में पूरा पहाड तोडा उसी प्रकार अपने इस चरित्र को साकार करने में सिद्दकी जुनून की हद तक चले गए. इस फिल्म में वह दशरथ मांझी की भूमिका में हैं.सिद्दकी ने बताया, ‘‘लोग मुङो कहते थे कि मैं एक हीरो जैसा नही दिखता हूं, मैं पागल हूं, मैं इसे कैसे संभव करुंगा? यह लगभग 16 साल पहले की बात है.’’
केतन मेहता की आने वाली फिल्म ‘मांझी द माउंटेन मैन’ में मांझी के चरित्र को जीवंत करने वाले 41 वर्षीय अभिनेता ने बताया कि उन्होंने मांझी के उस जुनून को अभिनय के प्रति अपने जुनून से मिलाकर देखा और उसी शिद्दत के साथ इस भूमिका को किया.
उन्होंने बताया, ‘‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह होगा. लेकिन जुनून और सनक से जिस तरह मांझी ने पहाड़ को काट दिया, मैंने भी अभिनय के लिए यही किया था.’’उन्होंने बताया, ‘‘जब कभी भी आप काम शुरु करते हैं आप इन चीजों से तुलना करते हैं. मैंने मांझी की भूमिका में अभिनय के अपने जुनून को उतारा.’’
मांझी के जीवन पर आधारित इस फिल्म में अभिनेत्री राधिका आप्टे ने भी अभिनय किया है. ‘माउंटेन मैन’ के नाम से जाने जाने वाले मांझी गया जिले के गहलौर गांव के रहने वाले गरीब श्रमिक थे.
