मुंबई : ‘मीटू’ आंदोलन ने हॉलीवुड की स्याह हकीकत दुनिया के सामने रखी और यह कई प्रभावशाली व्यक्तियों के पतन की वजह बना लेकिन अभिनेत्री तनुश्री दत्ता का कहना है कि ऐसा बॉलीवुड में भी होना चाहिए ताकि 2008 में कथित तौर पर उनके साथ हुई एक घटना में उन्हें इंसाफ मिल सके.
हाल में टीवी साक्षात्कार में दत्ता ने अपना दावा दोहराया कि एक वरिष्ठ अभिनेता ने एक फिल्म के सेट पर उनके साथ अभद्र व्यवहार किया था. साक्षात्कार में उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अभिनेता को फिल्मकारों का मौन समर्थन था. दत्ता ने कहा कि जब मैंने आठ से 10 साल पहले इस बारे में बोला था तो उन्होंने मुझपर अभद्र टिप्पणी की थी और मुझे गैरपेशेवर कहा था. किसी को भी मुझे कुछ कहने का अधिकार नहीं है. घटना और उसके बाद के घटनाक्रम को याद करते हुए दत्ता ने दावा किया, ‘‘ जब मैंने बचकर निकलने की कोशिश की तो उन्होंने मीडिया को बुला लिया. उन्होंने भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या करने के लिए कुछ लोगों को बुलाया और मेरी कार पर हमला किया. अंदर मेरे माता-पिता थे यहां तक कि मैं अंदर थी. यह भयावह था.
अभिनेत्री ने कहा, ‘‘ उन्होंने सुनिश्चित किया कि हम स्टूडियो से नहीं निकल पाएं, उन्होंने दरवाजों को बंद कर दिया. इसके बाद पुलिस आयी और हमें निकाला गया. जब हमने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करायी तो उन्होंने जवाबी प्राथमिकी दर्ज करा दी और जवाबी प्राथमिकी के कारण मेरे पिता, एक हेयर ड्रेसर और स्पॉट बॉय को अगले कुछ सालों तक उत्पीड़न के दौर से गुजरना पड़ा.’ दत्ता कहा कि जब इस तरह की घटना के बारे में बोलते हैं या बोलने की कोशिश करते हैं तो सामाजिक कलंक और चरित्र हनन का सामना करना पड़ता है.
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं यह किसी छुपे हुए एजेंडे के लिए नहीं कर रही हूं. ये चीजें अन्य को प्रोत्साहित करती हैं। मैं उम्मीद करती हूं कि यह लोगों को प्रोत्साहित करे.’