मुंबई : हिंदी सिनेमा के सुपरस्टार शाहरुख खान आज 50 साल के हो गए और इस मौके पर उन्होंने ‘असहिष्णुता के माहौल’ को लेकर बुद्धिजीवी वर्ग के बढते विरोध के साथ अपनी आवाज जोड़ते हुए कहा कि देश में ‘घोर असहिष्णुता’ है.
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अवार्ड लौटाने वाले साहसी, जरूरत पड़ी तो मैं भी लौटा सकता हूं अवार्ड : शाहरुख
मुंबई : हिंदी सिनेमा के सुपरस्टार शाहरुख खान आज 50 साल के हो गए और इस मौके पर उन्होंने ‘असहिष्णुता के माहौल’ को लेकर बुद्धिजीवी वर्ग के बढते विरोध के साथ अपनी आवाज जोड़ते हुए कहा कि देश में ‘घोर असहिष्णुता’ है. ‘बढ़ती असहिष्णुता’ और फिल्मकारों, वैज्ञानिकों एवं लेखकों द्वारा पुरस्कार लौटाए जाने पर अपनी […]
‘बढ़ती असहिष्णुता’ और फिल्मकारों, वैज्ञानिकों एवं लेखकों द्वारा पुरस्कार लौटाए जाने पर अपनी भावनाओं को प्रकट करते हुए शाहरुख ने कहा कि वह ‘प्रतीकात्मक रुख’ के तौर पर अपना पुरस्कार लौटाने में नहीं हिचकेंगे लेकिन उनको महसूस होता है कि उन्हें ऐसा नहीं करना है. शाहरुख में पास पद्मश्री सहित कई सम्मान हैं.
उन्होंने ‘इंडिया टुडे’ चैनल से कहा, ‘‘असहिष्णुता है, घोर असहिष्णुता है. मुझे लगता है कि असहिष्णुता बढ रही है.’ सुपरस्टार ने कहा, ‘‘असहिष्णु होना मूर्खता है और यह सिर्फ हमारा एक मुद्दा नहीं बल्कि सबसे बडा मुद्दा है. देश में धार्मिक असहिष्णुता और धर्मनिरपेक्ष नहीं होना सबसे जघन्य तरह का अपराध है जो आप एक देशभक्त के रुप में कर सकते हैं.’ यह पूछे जाने पर वह अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटाएंगे, तो शाहरुख ने कहा, ‘‘हां अगर मैं ऐसा करता हूं तो मेरा मतलब प्रतीकात्मक रुख के तौर पर होगा.’ इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘जिन लोगों ने सम्मान लौटाएं हैं मैं उनका सम्मान करता हूं, लेकिन मैं नहीं ऐसा करुंगा.’ अपने विचार को विस्तृत रुप से रखते हुए शाहरुख ने कहा, ‘‘लोग सोचने से पहले ही बोल देते हैं और यह धर्मनिरपेक्ष देश है. पिछले 10 वर्षों यह देश शायद हमारी सोच के दायरे आगे निकल रहा है.
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