World Teachers Day 2025 in Hindi: हर साल छात्र अपने शिक्षकों के सम्मान में टीचर्स डे (Teachers Day) मनाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत और बाकी दुनिया में इसे अलग-अलग तारीखों पर मनाया जाता है? भारत में यह दिन 5 सितंबर को मनाया जाता है जबकि दुनिया के अधिकांश देशों में 5 अक्टूबर को. इसके पीछे खास वजहें हैं जो इतिहास और शिक्षा से जुड़ी हुई हैं. यहां आप World Teachers Day 2025 in Hindi और टीचर्स डे के बारे में डिटेल जानें.
वर्ल्ड टीचर्स डे का महत्व क्या है? (World Teachers Day 2025 in Hindi)
शिक्षक सिर्फ पढ़ाई नहीं कराते, बल्कि हमें जिंदगी जीने का सही तरीका भी सिखाते हैं. इसी योगदान को सम्मान देने के लिए हर साल 5 अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस (World Teachers’ Day) मनाया जाता है.
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वर्ल्ड टीचर्स डे की शुरुआत (World Teachers Day 2025 in Hindi)
1966 में यूनेस्को (UNESCO) और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने मिलकर शिक्षकों की स्थिति और अधिकारों पर एक सिफारिश (Recommendation) जारी की थी. इसमें शिक्षकों के हक, जिम्मेदारियां, ट्रेनिंग, भर्ती और काम करने की शर्तों को लेकर मानक तय किए गए थे. यूनेस्को हर साल इस दिन को यूनिसेफ (UNICEF), यूएनडीपी (UNDP), आईएलओ (ILO) और एजुकेशन इंटरनेशनल के साथ मिलकर मनाता है. इसका मकसद है-
- शिक्षकों के अधिकारों और उनकी अहमियत को दुनिया के सामने लाना.
- ज्यादा से ज्यादा युवाओं को इस प्रोफेशन से जोड़ना.
- “Education 2030 Agenda” को आगे बढ़ाना, जिसमें हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अच्छे शिक्षक देने पर जोर है.
भारत में Teachers Day क्यों मनाया जाता है?
भारत में 5 सितंबर को Teachers Day मनाने की परंपरा 1962 से शुरू हुई. यह दिन भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती है. वे एक महान शिक्षक, दार्शनिक और विद्वान थे. उनका मानना था कि अगर छात्रों को सही शिक्षा मिले तो समाज और देश का भविष्य बदल सकता है. उनके योगदान को याद करने और शिक्षकों के महत्व को सम्मान देने के लिए यह दिन मनाया जाता है.

दुनिया में Teachers Day क्यों अलग मनाया जाता है?
दुनिया भर में World Teachers Day हर साल 5 अक्टूबर को मनाया जाता है. यह दिन UNESCO, UNICEF, ILO और Education International की पहल से शुरू हुआ था. इस दिन 1966 ILO/UNESCO सिफारिशों को अपनाने की याद दिलाई जाती है, जिसमें शिक्षकों के अधिकार, जिम्मेदारियां और शिक्षा की गुणवत्ता से जुड़े नियम तय किए गए थे.

