UP Top Universities: गंगा किनारे बसा वाराणसी दुनिया भर में अपने मंदिरों, घाटों और गंगा आरती के लिए मशहूर है. लेकिन यह शहर सिर्फ आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर तक सीमित नहीं है. शिक्षा की दृष्टि से भी वाराणसी एक बड़ा केंद्र बन चुका है. यहां पढ़ाई करना न केवल भारतीय छात्रों का बल्कि विदेशी विद्यार्थियों का भी सपना होता है. यही कारण है कि वाराणसी को शिक्षा का हब कहा जाने लगा है.
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU)
वाराणसी का सबसे बड़ा और नामचीन संस्थान बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) है. NIRF रैंकिंग 2025 में इसे 5वां स्थान मिला है. लाखों छात्र यहां दाखिला लेने का सपना देखते हैं और बड़ी संख्या में विदेशी छात्र भी यहां पढ़ाई के लिए आते हैं.
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ
राज्य विश्वविद्यालयों की सूची में काशी विद्यापीठ का नाम बेहद खास है. इस विश्वविद्यालय से 400 से अधिक कॉलेज जुड़े हैं. इसकी ऐतिहासिक पहचान भी मजबूत है, क्योंकि यहां से पढ़कर देश को लाल बहादुर शास्त्री जैसे प्रधानमंत्री मिले.
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय
संस्कृत शिक्षा का वैश्विक केंद्र माना जाने वाला संपूर्णानंद विश्वविद्यालय दुनिया का सबसे बड़ा संस्कृत विश्वविद्यालय है. यहां संस्कृत के साथ हिंदी, अंग्रेजी और कई विदेशी भाषाओं के डिप्लोमा कोर्स भी कराए जाते हैं.
केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान
सारनाथ में स्थित केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान बौद्ध धर्म और तिब्बती अध्ययन का प्रमुख केंद्र है. भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय इसे संचालित करता है. यहां बड़ी संख्या में विदेशी विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करने आते हैं.
अल-जामिया-तुस-सलाफिया
वाराणसी का इस्लामी धार्मिक विश्वविद्यालय अल-जामिया-तुस-सलाफिया, 1967 में स्थापित हुआ. यह इस्लामी शिक्षा और धार्मिक अध्ययन का प्रमुख संस्थान है.
200 से अधिक कॉलेज
इन विश्वविद्यालयों के अलावा, वाराणसी में 200 से ज्यादा कॉलेज हैं, जिनमें एम्बिशन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, आर्य महिला महाविद्यालय और डीएवी पीजी कॉलेज जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं.
शिक्षा की राजधानी
धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान से आगे बढ़ते हुए, वाराणसी आज शिक्षा का गढ़ बन चुका है. यहां से पढ़कर छात्र न केवल देश बल्कि विदेशों में भी अपना नाम रोशन कर रहे हैं. यही वजह है कि इसे यूपी की शिक्षा की राजधानी कहा जाता है.
यह भी पढ़ें: British Population in India: आजादी के समय भारत में कितने थे अंग्रेज? आंकड़े जानकर चौंक जाएंगे
यह भी पढ़ें: Success Story: कॉलेज छोड़ा, लेकिन बन गई सबसे कम उम्र की अरबपति! जानें कौन है ये शख्सियत

