National Teachers Award 2025: मिर्जापुर की रहने वाली मधुरिमा तिवारी को इस वर्ष राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया जाएगा. वह पीएम श्री कम्पोजिट रानी कर्णावती विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका हैं और अपने असाधारण प्रयासों के कारण खंडहर स्कूल को जनपद का पहला मॉडल स्कूल बनाने में सफल रही हैं. इस पुरस्कार (National Teachers Award 2025) के लिए पूरे देश से कुल 45 शिक्षकों का चयन किया गया है, जिसमें मधुरिमा तिवारी और भदोही के राम लाल यादव भी शामिल हैं.
National Teachers Award 2025 विजेता मधुरिमा तिवारी कौन हैं?
मधुरिमा तिवारी ने 2017 में रानी कर्णावती विद्यालय का चार्ज संभाला, जो उस समय पूरी तरह जर्जर हालत में था. स्कूल में अराजक तत्वों का वर्चस्व था और पठन-पाठन असंभव सा लग रहा था. कॉन्वेंट स्कूलों से घिरे इस सरकारी विद्यालय की स्थिति देखकर लोग निराश थे.
मधुरिमा ने न केवल कठिन परिस्थितियों का सामना किया बल्कि मेहनत और समुदाय के सहयोग से इसे नई पहचान दी. उन्होंने सामाजिक संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों, और विभागीय मदद के माध्यम से स्कूल को संवारा और बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा का वातावरण तैयार किया.
छात्राओं के लिए स्पेशल क्लास
मधुरिमा तिवारी ने कमजोर छात्राओं के लिए 2016 से अतिरिक्त दो घंटे पढ़ाई का समय निकालना शुरू किया. इसके अलावा उन्होंने सिलाई-कढ़ाई, कंप्यूटर और आधुनिक शिक्षा के लिए बच्चों को प्रोत्साहित किया. आज यह विद्यालय स्वच्छ और सुसज्जित संस्थान बन चुका है, जो कॉन्वेंट स्कूलों को टक्कर देता है.
विद्यालय में आरोग्य वाटिका, इको-फ्रेंडली कक्षाएं, सुंदर बगीचे और हरियाली से भरा माहौल उपलब्ध है. कक्षाओं में टाइल्स, पंखे, कूलर, इनवर्टर, स्मार्ट क्लास, प्रोजेक्टर और टीवी जैसी सुविधाएं मौजूद हैं. लर्निंग बाय डूइंग और आईसीटी के माध्यम से बच्चों को व्यावहारिक शिक्षा दी जाती है. 2019 में यह स्कूल जनपद का पहला स्मार्ट क्लास शुरू करने वाला विद्यालय बन गया.
PM Shri School का मिला दर्जा
मधुरिमा के प्रयासों से विद्यालय को मानव संसाधन मंत्रालय का स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार और पीएम श्री स्कूल का दर्जा प्राप्त हुआ. 2022-23 में मुख्यमंत्री ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया. 2017 में स्कूल में केवल 56 बच्चे पढ़ते थे, जो अब बढ़कर 218 हो गए हैं. सात शिक्षकों की जरूरत वाले इस स्कूल में मधुरिमा ने दो अतिरिक्त शिक्षकों और एक शिक्षा मित्र की मदद से शिक्षा व्यवस्था को संभाला. बच्चों ने खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और विद्यालय की प्रतिष्ठा बढ़ाई.
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