Success Story: मेहनत, धैर्य और सपनों में यकीन — जब यह तीनों एक साथ मिलते हैं, तो सफलता भी झुककर सलाम करती है. ऐसी ही कहानी है यमुनानगर की बेटी कशिश कालरा की, जिन्होंने अपने सपनों को हकीकत में बदलकर लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का नया अध्याय लिखा है.
कशिश कालरा, जो फायर डिपार्टमेंट के अधिकारी गुलशन कालरा की बेटी हैं, ने प्रतिष्ठित यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2025 में 111वीं रैंक हासिल कर पूरे जिले का नाम रोशन कर दिया है. उनकी इस उपलब्धि ने न सिर्फ उनके परिवार को गर्वित किया, बल्कि हर युवा को यह संदेश दिया कि समर्पण और मेहनत से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है.
कहां से हुई कशिश की पढ़ाई
कशिश का शैक्षणिक सफर भी हमेशा से शानदार रहा है. उन्होंने अपनी दसवीं कक्षा यमुनानगर के एक निजी स्कूल से पूरी की और फिर बारहवीं की पढ़ाई दिल्ली के एक प्रतिष्ठित निजी स्कूल से की. इसके बाद, उन्होंने लेडी श्रीराम कॉलेज, दिल्ली से ग्रैजुएशन की डिग्री प्राप्त की. खास बात यह है कि कशिश ने यह सफलता अपने दूसरे प्रयास में हासिल की है, जो उनके मेहनत का प्रमाण है.
रविवार को जब कशिश अपने गृह नगर यमुनानगर पहुंचीं, तो उनका भव्य स्वागत किया गया. परिवार, मित्रों और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने फूल-मालाओं और ढोल-नगाड़ों के साथ उनका अभिनंदन किया. आज कशिश कालरा न सिर्फ यमुनानगर बल्कि पूरे हरियाणा के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं.
छात्रों को दिया खास संदेश
यूपीएससी क्रैक करने के बाद कशिश कोचिंग के छात्रों से मिलीं. इस दौरान उन्होंने कहा कि वो यूपीएससी के लिए कुछ खास नहीं पढ़ी थी. सिर्फ उन्होंने टीचर के बताए गाइडलाइंस को ही फॉलो किया. कशिश ने आगे कहा, “मैं मानती हूं कि सिविल सेवा का असली मकसद जनकल्याण है. मेरा सपना है कि मैं समाज सेवा और जनहित के कार्यों में अपनी भूमिका निभाऊं. अब जब मैं यहां तक पहुंची हूं, तो उम्मीद है कि मैं और संवेदनशीलता के साथ जनता के लिए काम कर पाऊंगी.” उन्होंने आगे कहा, “स्वास्थ्य, शिक्षा, जन सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है.” कशिश ने यह भी जोर देकर कहा कि युवाओं में कौशल विकास आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है.