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Success Story: खपड़े के घर से सरकारी बंगला! नवोदय की स्टूडेंट छाया BPSC के बाद UPSC पास

Success Story: गढ़वा की छाया कुमारी ने यूपीएससी 2024 में 530वीं रैंक हासिल की. कबाड़ी की दुकान से लेकर गोल्ड मेडल तक का सफर रहा संघर्ष भरा. गांव में रहकर की तैयारी और पूरे जिले का नाम रोशन किया. छाया की कहानी मेहनत, हौसले और सपनों की मिसाल है.

Success Story in Hindi: हाल ही में यूपीएससी 2024 का रिजल्ट आया है, जिसमें कई मेहनती छात्रों ने सफलता पाई है. इन लोगों ने मुश्किल हालात के बावजूद बड़ा मुकाम हासिल किया है. ऐसा ही एक नाम है झारखंड की छाया कुमारी का. छाया ने गांव से निकलकर UPSC में 530वीं रैंक पाई है. उनकी कहानी मेहनत और हौसले की सच्ची मिसाल है. छाया मूल रूप से गढ़वा प्रखंड के अकलवानी गांव की रहने वाली हैं. उन्होंने यह सफलता अपने चौथे प्रयास में पाई है. इससे पहले उन्हें BPSC परीक्षा में भी सफलता मिली थी. फिलहाल वह बिहार के गया जिले में इंफोर्समेंट ऑफिसर पद पर प्रशिक्षु के रूप में कार्यरत हैं. 

Success Story: बचपन से था IAS बनने का सपना

छाया के पिता सुनील दुबे खेती करते हैं और जरूरत पड़ने पर कबाड़ी की दुकान भी चलाते रहे हैं ताकि बेटी की पढ़ाई न रुके. छाया जब चार साल की थीं, तभी से IAS बनने का सपना देखती थीं. पिता ने हर हाल में बेटी के सपने को पूरा करने की कोशिश की. आज वह दिन आ गया जब छाया ने अपने सपने को साकार कर दिखाया. 

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पढ़ाई में हमेशा से तेज

छाया ने शुरुआती पढ़ाई गढ़वा के शांति निवास उच्च विद्यालय से की. इंटरमीडिएट की पढ़ाई कोडरमा नवोदय विद्यालय से पूरी की. फिर गढ़वा के एसएसजेएस नामधारी कॉलेज से बीएससी और नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय से गणित में एमएससी किया. बीएससी और एमएससी दोनों में उन्हें विश्वविद्यालय टॉपर बनने का गौरव मिला. राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें गोल्ड मेडल से सम्मानित किया था. (UPSC Success story of Chhaya Kumari)

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चाचा ने संभाली जिम्मेदारी

छाया के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. जब उन्होंने आगे की पढ़ाई की इच्छा जताई तो घर में संसाधनों की कमी थी. तब उन्होंने अपना गोल्ड मेडल चाचा श्रवण दुबे को पहनाकर पढ़ाई में मदद मांगी.  छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में ठेकेदारी करने वाले चाचा श्रवण दुबे ने आगे की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने का जिम्मा लिया. 

दिल्ली में एक साल कोचिंग के बाद छाया ने अपने गांव अकलवानी में रहकर ही यूपीएससी की तैयारी की. इस दौरान उन्होंने बीपीएससी और जेपीएससी की परीक्षा भी दी. सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने अपने मेहनत और आत्मविश्वास से यह दिखा दिया कि अगर इरादा मजबूत हो, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं. 

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Success story of Chhaya Kumari: परिवार में खुशी का माहौल

छाया की सफलता से पूरा परिवार खुश है. पिता सुनील दुबे, मां सीमा देवी, चाचा श्रवण दुबे, बहन कृति कुमारी और भाई अंकित दुबे ने इस पल को अपने जीवन का सबसे खुशी वाला दिन बताया. छाया अपने तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं. बाकी दोनों भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं. 

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