Bihar IAS Posting: आज बिहार में कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया गया है और उन्हें अलग-अलग जिलों का प्रभार संभालने की जिम्मेदारी दी गई है. बिहार सरकार द्वारा किए गए 12 आईएएस तबादलों में यूपी की एक अधिकारी भी हैं जिन्हें अनुमंडल पदाधिकारी रक्सौल पूर्वी चंपारण से स्थानांतरित कर अब मुंगेर जिले के नगर निगम का प्रभार सौंपा गया है. यह आईएएस अधिकारी शिवाक्षी दीक्षित हैं. आइए इस लेख के माध्यम से उनकी सफलता की कहानी के बारे में जानते हैं. उत्तर प्रदेश की रहने वाली शिवाक्षी की सफलता की कहानी कई युवाओं को प्रेरित कर सकती है.
Bihar IAS Posting: बचपन से था अफसर बनने का सपना
शिवाक्षी दीक्षित लखनऊ के इंदिरा नगर की रहने वाली हैं. बचपन से ही उनका सपना था कि वे सिविल सेवा में जाएं. इस दिशा में उन्होंने कड़ी मेहनत की. हालांकि पहले प्रयास में उन्हें असफलता मिली, लेकिन दूसरे प्रयास में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास कर ली. आईएएस बनने से पहले शिवाक्षी ने 2020 में उत्तर प्रदेश पीसीएस परीक्षा में भी सफलता हासिल की थी. इस परीक्षा में उन्होंने दूसरा स्थान प्राप्त किया था, जो उनके प्रतिभा और मेहनत का प्रमाण है.
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शिक्षा और तैयारी की खास रणनीति
शिवाक्षी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से साल 2017 में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी पूरी योजना के साथ शुरू की. वे बताती हैं कि हर बार उन्होंने अपनी रणनीति को परीक्षा की मांग के अनुसार बदला और आत्मविश्लेषण को जरूरी माना. शिवाक्षी मानती हैं कि असफलता आम बात है, लेकिन इससे घबराने की बजाय सीख लेकर आगे बढ़ना चाहिए. जब पढ़ाई में मन न लगे तो ब्रेक लेना चाहिए और अपनी रुचियों को समय देना चाहिए.
Bihar IAS Posting in Hindi: युवाओं को दिया स्पष्ट संदेश
टॉप होने के बाद उनका कहना है था कि यूपीएससी परीक्षा कठिन जरूर है, लेकिन अगर सही रणनीति और आत्मविश्वास के साथ तैयारी की जाए तो सफलता मिल सकती है. वे युवाओं को सलाह देती हैं कि भीड़ की मानसिकता से बचें और जिस क्षेत्र में रुचि हो, उसी में करियर बनाएं.
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Success Story: सोशल मीडिया से सीमित जुड़ाव की सलाह
शिवाक्षी मानती हैं कि सोशल मीडिया से अधिक जुड़ाव पढ़ाई में बाधा बन सकता है, इसलिए छात्रों को टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई करनी चाहिए और सोशल मीडिया से सीमित रूप से जुड़ना चाहिए. शिवाक्षी दीक्षित की कहानी इस बात का प्रमाण है कि निरंतर प्रयास, आत्मविश्वास और परिवार का सहयोग मिलकर किसी भी सपने को साकार कर सकते हैं. उनका जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है.