27.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

NEET PG Counselling: नीट पीजी काउंसलिंग में सीट ब्लॉक करने वालों पर अब सख्ती, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

NEET PG Counselling: नीट पीजी काउंसलिंग में सीट ब्लॉक करने वालों पर अब सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई है. जानबूझकर सीट छोड़ने वाले उम्मीदवार होंगे ब्लैकलिस्ट. भविष्य की मेडिकल परीक्षाओं में नहीं मिलेगा मौका. कोर्ट ने पारदर्शी और समयबद्ध प्रक्रिया के लिए जारी किए दिशानिर्देश.

NEET PG Counselling in Hindi: नीट पीजी काउंसलिंग प्रक्रिया में सीट ब्लॉक करके ज्वाइन न करने की प्रवृत्ति पर अब सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने कहा है कि जानबूझकर सीट ब्लॉक कर उसे छोड़ने वाले उम्मीदवारों को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा और भविष्य में होने वाली मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं से भी अयोग्य घोषित किया जा सकता है. यह फैसला जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने सुनाया. कोर्ट का कहना है कि यह प्रवृत्ति मेधावी छात्रों के लिए अन्यायपूर्ण है और सीटों की बर्बादी की एक बड़ी वजह बनती जा रही है. (Supreme Court medical counselling decision)

सुप्रीम कोर्ट का आदेश: ब्लैकलिस्टिंग, अयोग्यता और फीस जब्ती

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि जो छात्र सीट ब्लॉक कर लेते हैं लेकिन उसे ज्वाइन नहीं करते, उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाएगा. ऐसे उम्मीदवारों की सिक्योरिटी फीस जब्त कर ली जाएगी और वे आने वाली मेडिकल एंट्रेंस परीक्षाओं में शामिल नहीं हो पाएंगे. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि यदि इस प्रक्रिया में कोई मेडिकल कॉलेज शामिल पाया गया, तो उसे भी ब्लैकलिस्ट किया जाएगा. कोर्ट ने मेडिकल काउंसलिंग में पारदर्शिता और समयबद्धता लाने के लिए गाइडलाइंस जारी की हैं, ताकि मेरिट-बेस्ड एडमिशन सुनिश्चित हो सके और सीटों की बर्बादी रोकी जा सके. (Supreme Court on NEET PG in Hindi)

पढ़ें: NEET UG 2025: नीट यूजी के बाद AIIMS पटना क्यों है बेस्ट? जानें एडमिशन से लेकर फीस तक सबकुछ

NEET PG Counselling: क्या है सीट ब्लॉकिंग और इसका नुकसान?

सीट ब्लॉकिंग तब होती है जब कोई छात्र किसी कॉलेज की सीट को अस्थायी रूप से स्वीकार कर लेता है, लेकिन जैसे ही उसे अपनी पसंद का दूसरा विकल्प मिलता है, वह पहली सीट को छोड़ देता है. इससे पहले राउंड में आवंटित सीटें खाली रह जाती हैं, जो सिर्फ बाद के राउंड में ही दोबारा उपलब्ध होती हैं. इस प्रक्रिया का सबसे बड़ा नुकसान उन छात्रों को होता है, जिन्हें पहले से कम पसंद का कॉलेज मिल गया होता है और वे उसमें कमिट हो चुके होते हैं. 

इसके अलावा, स्टेट काउंसलिंग में देरी, लास्ट मिनट पर सीट्स का जोड़-घटाव और कोटा या कैटेगरी में पारदर्शिता की कमी से यह समस्या और बढ़ जाती है. सुप्रीम कोर्ट ने इन सब बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए काउंसलिंग सिस्टम में जरूरी सुधार की बात कही है. 

पढ़ें: NEET UG 2025: MBBS का सपना होगा पूरा, इन 10 टॉप यूनिवर्सिटियों में 20 लाख में बनेंगे डॉक्टर

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel