Success Story: कहते हैं मेहनत और हिम्मत हो तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है. बिहार के मधुबनी जिले की रहने वाली पूजा कुमारी ने इस बात को सच कर दिखाया है. कठिन हालातों, गरीबी और सामाजिक ताने-बाने के बीच भी उन्होंने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी और आखिरकार बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) परीक्षा पास कर अफसर बन गईं.
संघर्षों से भरा बचपन
पूजा का बचपन बहुत मुश्किलों से भरा रहा. परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर थी कि कभी सब्जी बेचकर घर चलता था, तो कभी गटर किनारे कपड़े और सामान बेचने पड़ते थे. कोरोना काल आया तो परिवार ने मास्क सिलकर आजीविका चलाई. इन हालातों के बावजूद पूजा ने पढ़ाई जारी रखी.
रिश्तेदारों का दबाव, पर हौसला कायम
परिवार और रिश्तेदारों की ओर से भी दबाव था कि पूजा की शादी करा दी जाए. कई लोग कहते थे कि पढ़ाई लड़कियों के बस की बात नहीं है. लेकिन पूजा ने इन सब बातों को अनसुना कर दिया. दिन में पढ़ाई और रात में कपड़े सिलाई कर परिवार की मदद करती रहीं.
माता-पिता का संघर्ष बना सहारा
पूजा की सफलता के पीछे उनके माता-पिता की कड़ी मेहनत भी रही. उन्होंने कर्ज लेकर, सड़क किनारे दुकान लगाकर और कठिन परिस्थितियों से जूझते हुए बेटी की पढ़ाई को आगे बढ़ाया. माता-पिता ने अपनी परेशानियों को पीछे छोड़कर सिर्फ पूजा के सपनों को पूरा करने पर ध्यान दिया.
असफलताओं से मिली सीख
बीपीएससी की तैयारी में पूजा को कई बार असफलता मिली। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. हर नाकामी से सबक लेकर अपनी कमजोरियों को सुधारा. लगातार मेहनत और धैर्य का नतीजा यह रहा कि उन्होंने परीक्षा में 986वीं रैंक हासिल की.
आज बनीं प्रेरणा
आज पूजा कुमारी बिहार में सब-डिविजनल वेलफेयर ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं. उनका संघर्ष और सफलता दोनों ही उन लाखों बेटियों के लिए प्रेरणा है, जो हालातों से जूझते हुए भी अपने सपनों को पूरा करना चाहती हैं.

