केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Examination) ने 12वीं के परीक्षा परिणाम (CBSE Board 12th Results 2023) घोषित कर दिये हैं. रांची की शुभांगिनी को साइंस में 98.2 फीसदी अंक मिले हैं. झारखंड के विद्यार्थियों का आंकड़ा अलग से जारी नहीं हुआ है, लेकिन पटना रीजन (इसी रीजन में झारखंड आता है) में 85.47 फीसदी बच्चे पास हुए हैं. देश के 16 रीजन में पटना रीजन 10वें नंबर पर है. भुवनेश्वर, गुवाहाटी, भोपाल, नोएडा, देहरादून और प्रयागराज से पटना रीजन का रिजल्ट बेहतर है, लेकिन 9 रीजन से यह पीछे है. पटना रीजन से जिनका प्रदर्शन बेहतर रहा है, उनमें त्रिवेंद्रम (99.91 फीसदी), बेंगलुरु (98.64 फीसदी), चेन्नई (97.40 फीसदी), दिल्ली पश्चिमी (93.24 फीसदी), अजमेर (89.27 फीसदी), पुणे (87.28 फीसदी) और पंचकूला (86.93 फीसदी) शामिल हैं.
जेवीएम श्यामली की शुभांगिनी 98.2 अंक लाकर बनी स्कूल साइंस टॉपर
जेवीएम श्यामली की शुभांगिनी ने साइंस में 98.2 फीसदी अंक हासिल कर स्कूल टॉपर बनने का गौरव हासिल किया है. आर्ट्स में जससिमरन कौर ने सबसे ज्यादा 97.8 फीसदी अंक हासिल किये हैं, तो निर्मय जैन कॉमर्स में 95.6 फीसदी मार्क्स लाकर अपने स्कूल के टॉपर बने हैं. जेवीएम श्यामली से साइंस में 475 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी, जबकि आर्ट्स के करीब पौने दो सौ और कॉमर्स के 82 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी.
जवाहर नवोदय विद्यालय का रिजल्ट सबसे ज्यादा 97.51 फीसदी
अगर संस्थागत रूप से प्रदर्शन की बात करें, तो जवाहर नवोदय विद्यालय (JNV) ने सबसे बढ़िया परफॉर्म किया है. इस स्कूल के 97.51 फीसदी बच्चे पास हुए हैं. दूसरे नंबर पर सेंट्रल तिब्बतन स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन (CTSA) है, जिसका रिजल्ट 96.77 फीसदी रहा. केंद्रीय विद्यालय 92.51 फीसदी पास परसेंटेज के साथ तीसरे, इंडिपेंडेंट यानी प्राइवेट स्कूल 87.95 फीसदी के साथ चौथे स्थान पर रहे. गवर्नमेंट एडेड स्कूलों का रिजल्ट 87.17 फीसदी रहा, जबकि सरकारी स्कूलों का रिजल्ट सबसे कम 83.83 फीसदी रहा.
5.38 फीसदी कम विद्यार्थी इस बार हुए हैं पास
पिछले साल यानी वर्ष 2022 की तुलना में इस बार 5.38 फीसदी विद्यार्थी ही पास हुए हैं. वर्ष 2023 में 16,80,256 बच्चों ने 12वीं की परीक्षा के लिए अपना पंजीकरण करवाया था. इनमें से 16,60,511 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी और 14,50,174 परीक्षार्थी पास घोषित किये गये हैं. इस तरह इस वर्ष कुल 87.33 प्रतिशत बच्चे पास हुए हैं, जो पिछले साल के 92.71 फीसदी की तुलना में 5.38 फीसदी कम है.
26 देशों के 28,471 स्कूलों के विद्यार्थी हुए थे परीक्षा में शामिल
भारत समेत दुनिया भर के 26 देशों में आयोजित परीक्षा में 28,471 स्कूलों के विद्यार्थी शामिल हुए. सीबीएसई 10वीं और 12वीं की परीक्षा के लिए कुल 38,82,834 विद्यार्थियों ने पंजीकरण करवाया था. इनके लिए कुल 7,241 पीक्षा केंद्र बनाये गये थे. 7,241 केंद्र अधीक्षकों की नियुक्ति हुई थी. इतने ही उप केंद्र अधीक्षक भी बनाये गये थे. परीक्षा के लिए 9,07,781 कक्षा का इस्तेमाल हुए. परीक्षा के लिए 18,15,561 निरीक्षक नियुक्त किये गये थे. मैट्रिक में 76 और इंटर में 115 यानी कुल मिलाकर 191 विषयों की परीक्षा ली गयी. इन 191 विषयों की परीक्षा के लिए 4000 से अधिक प्रश्न पत्र या प्रश्न के सेट तैयार किये गये. इन प्रश्न पत्रों में कुल 2 लाख से अधिक प्रश्न पूछे गये.
मूल्यांकन के लिए 3,578 केंद्र बनाये गये थे, जिसके लिए 3,578 नोडल पर्यवेक्षक भी तैनात किये गये. 2,17,86,733 उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराया गया. उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए 10,89,337 मूल्यांकनकर्ता लगाये गये थे. मूल्यांकन के लिए 2,72,335 सहायक प्रधान परीक्षक तैनात किये गये थे. 68,084 मुख्य परीक्षक बनाये गये थे. 2,72,335 को-ऑर्डिनेटर भी बनाये गये थे.
कॉपी मूल्यांकन के लिए बनाये गये थे 2,72,335 को-ऑर्डिनेटर
मूल्यांकन कार्य के लिए 68,084 मुख्य परीक्षक नियुक्त किये गये थे. 2,72,335 को-ऑर्डिनेटर बनाये गये, प्रेक्षकों की संख्या 22,913 रही. परीक्षा में 14,594 कम्प्यूटर शिक्षकों को काम पर लगाया गया और परीक्षा एवं मूल्यांकन में मदद के लिए जिन लोगों को काम पर लगाया गया, उनकी संख्या 1,65,235 रही.