Earthquake in Hindi: भूकंप एक खतरनाक प्राकृतिक आपदा है, जिससे हर साल दुनिया भर में काफी जान-माल का नुकसान होता है. भूकंप को रोकने के लिए आपदा प्रबंधन समितियां कई सुरक्षा उपाय करती हैं. भूकंप के प्रभाव को कम करने और हमारी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सही योजनाएं बनाना और लोगों में जागरूकता फैलाना बहुत जरूरी है. इसलिए इस लेख में आपको भूकंप (Earthquake in Hindi) आने के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है.
भूकंप क्या है? (Earthquake in Hindi)
भूकंप जब भी आता है तो धरती की सतह का हिलती है. भूकंप धरती की सतह के अंदर अचानक ऊर्जा के निकलने की वजह से होता है. ऊर्जा के ऐसे निकलने से भूकंपीय तरंगें उत्पन्न होती हैं और इन्हें S तरंगें कहा जाता है.
भूकंपीय तरंगें मुख्य रूप से दो तरह की होती हैं – P तरंगें (प्राथमिक) और S तरंगें (द्वितीयक).
- P तरंगें सबसे तेज होती हैं और पहले महसूस की जाती हैं। ये धरती में सीधी दिशा में कंपन पैदा करती हैं और अचानक झटके देती हैं.
- S तरंगें धीमी होती हैं और धरती को अगल-बगल हिलाती हैं, जिससे ज्यादा नुकसान हो सकता है.
भूकंप कैसे आता है? (Earthquake in Hindi)
भूकंप कैसे आता है को समझना जरूरी है ताकि इससे होने वाले खतरों को कम किया जा सके. भूकंप तब आता है जब धरती के अंदर टेक्टोनिक प्लेटें हिलती हैं. ये प्लेटें धरती की ऊपरी सतह पर होती हैं और एक अर्ध-तरल परत पर धीरे-धीरे तैरती रहती हैं.
जब दो प्लेटें आपस में टकराती हैं या एक-दूसरे से दूर जाती हैं तो तनाव बढ़ता है. ज्यादा दबाव बनने पर ये प्लेटें अचानक खिसक जाती हैं और इससे धरती हिलने लगती है.
सबसे तेज और खतरनाक भूकंप आने का कारण क्या है?
सबसे तेज और खतरनाक भूकंप तब आते हैं जब एक प्लेट दूसरी के नीचे धंसने लगती है. इस प्रक्रिया को सबडक्शन कहते हैं. जब दबाव सहन नहीं होता तो प्लेटों के बीच जमा हुई ऊर्जा एक झटके में निकलती है और इससे भूकंप की स्थिति बनती है. भूकंप को समझना जरूरी है ताकि इससे बचाव किया जा सके और सुरक्षित इमारतें बनाई जा सकें.
भूकंप क्यों आता है? (Earthquake in Hindi)
भूकंप सिर्फ टेक्टोनिक प्लेटों के हिलने से ही नहीं बल्कि दूसरी भूगर्भीय घटनाओं से भी आ सकता है. जैसे- जब ज्वालामुखी फटने वाला होता है तो उसके नीचे गर्म लावा (मैग्मा) ऊपर की ओर बढ़ता है. इससे जमीन के अंदर दबाव बढ़ जाता है और आसपास की चट्टानें टूटने लगती हैं. जब ये चट्टानें टूटती हैं तो धरती में जोरदार कंपन होता है और इसे भूकंपीय तरंगें कहते हैं. ये तरंगें चारों दिशाओं में फैलती हैं और जमीन हिलने लगती है. वैज्ञानिक इसे सीस्मोग्राफ नामक यंत्र से मापते हैं.
भूकंप के पैटर्न पर रिसर्च करते हैं वैज्ञानिक (Earthquake in Hindi)
भूकंप की ताकत इस पर निर्भर करती है कि धरती के अंदर कितना दबाव जमा हुआ था और वह कितनी तेजी से बाहर निकला. जितनी ज्यादा ऊर्जा निकलेगी, भूकंप उतना ही तेज होगा. वैज्ञानिक भूकंप के पैटर्न पर रिसर्च करते हैं और चेतावनी देने वाली तकनीक विकसित करते हैं और मजबूत इमारतें बनाने के नियम तैयार करते हैं. इससे लोगों को सुरक्षित रहने में मदद मिलती है.
भूकंप के कारण क्या हैं? (Earthquake in Hindi)
भूकंप के कारण क्या हैं के बारे में यहां बताया जा रहा है-
- टेक्टोनिक प्लेट मूवमेंट- पृथ्वी की प्लेटों के खिसकने या टकराने से तनाव पैदा होता है और इससे भूकंप आता है.
- ज्वालामुखी गतिविधि- मैग्मा के बढ़ने से दबाव बढ़ता है, जिससे आस-पास की चट्टानें टूट जाती हैं और भूकंप आते हैं.
- फॉल्ट स्लिपेज- फॉल्ट लाइन के साथ अचानक होने वाली हलचल से संग्रहित ऊर्जा निकलती है, जिससे भूकंप आता है.
- आइसोस्टेटिक रिबाउंड- कई बार ग्लेशियर पिघलने या कटाव के बाद पृथ्वी की पपड़ी का फिर से समायोजित होना भूकंपीय गतिविधि का कारण बन सकता है.
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