CBSE Syllabus Change: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 11वीं और 12वीं कक्षा के लीगल स्टडीज सिलेबस में बड़ा बदलाव करने का निर्णय लिया है. अब छात्रों को औपनिवेशिक दौर के पुराने कानूनों की जगह नये कानून और महत्वपूर्ण न्यायिक फैसलों की पढ़ाई कराई जाएगी. इसमें भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) के प्रमुख प्रावधान शामिल होंगे.
तीन तलाक, राजद्रोह और धारा 377 हटाए गए
इस बदलाव के तहत तीन तलाक, राजद्रोह और धारा 377 जैसे विषयों को सिलेबस से हटा दिया जाएगा. सीबीएसई की पाठ्यक्रम समिति और शासी निकाय ने जून में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप है और छात्रों को आधुनिक कानूनी ढांचे की समझ देगा.
2023-24 के कानूनी सुधारों का असर
2023-24 में लागू हुए कानूनी सुधारों के तहत BNS, BNSS और BSA ने क्रमशः भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और पुराने भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली थी. अब इन बदलावों को स्कूल स्तर की पढ़ाई में भी लागू किया जा रहा है.
तीन तलाक पर ऐतिहासिक फैसला
तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला अब किताबों में ‘अध्ययन मामला’ के रूप में दर्ज होगा, न कि लागू कानून के रूप में. सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने बहुमत से तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित किया था, जिससे लाखों मुस्लिम महिलाओं को राहत मिली थी.
2026-27 से लागू होंगे नये पाठ्यक्रम
CBSE का कहना है कि विधि अध्ययन विषय पांच साल पहले शुरू किया गया था, लेकिन अब समय के साथ इसमें व्यापक सुधार जरूरी है. इसके लिए विशेषज्ञ समिति बनाई जाएगी और जरूरत पड़ने पर सामग्री विकास एजेंसी भी नियुक्त होगी, ताकि 2026-27 सत्र तक अपडेटेड किताबें छात्रों को उपलब्ध कराई जा सकें.
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