Success Story: संभल हिंसा के दौरान अपनी बहादुरी और त्वरित फैसलों से सुर्खियों में आए चंदौसी के सर्किल ऑफिसर (CO) अनुज कुमार चौधरी एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार वजह है उनका प्रमोशन उन्हें ASP (Assistant Superintendent of Police) पद पर पदोन्नत किया गया है. आदेश जारी होते ही उनकी वर्दी पर अशोक स्तंभ सज गया, जो इस पद की शान और जिम्मेदारी दोनों का प्रतीक है.
संघर्ष से सम्मान तक का सफर
अनुज चौधरी का सफर केवल एक प्रमोशन की कहानी नहीं है, बल्कि यह साहस, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल है. संभल हिंसा के दौरान जिस तेजी से उन्होंने हालात काबू में किए, उसने न केवल पुलिस विभाग बल्कि आम जनता का भी विश्वास जीता. अब उनका यह पराक्रम उन्हें करियर के अगले पायदान पर ले आया है.
ASP पद की अहमियत और सैलरी
भारत में ASP का पद भारतीय पुलिस सेवा (IPS) का प्रवेश स्तर माना जाता है. 7वें वेतन आयोग के अनुसार, इस पद पर बेसिक सैलरी 56,100 रुपये प्रति माह से शुरू होती है, जिसमें महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता, यात्रा भत्ता, मेडिकल कवर और बच्चों की शिक्षा भत्ता जैसी कई सुविधाएं शामिल होती हैं. इन सबको मिलाकर मासिक सैलरी लगभग 1.10 लाख से 1.50 लाख रुपये तक पहुंच सकती है.
सुविधाओं में भी बड़ा इजाफा
ASP बनने के बाद अनुज चौधरी को शहर में अच्छे लोकेशन पर सरकारी आवास, ड्यूटी के लिए ड्राइवर सहित गाड़ी, और परिवार के लिए सुरक्षा जैसी सुविधाएं मिलेंगी. स्वास्थ्य के तहत सरकारी व पैनल अस्पतालों में मुफ्त या रियायती इलाज उपलब्ध होगा, साथ ही सालाना छुट्टियों का प्रावधान भी रहेगा, जिससे वे मानसिक और शारीरिक रूप से फिट रह सकें.
आगे की राह
CO पद पर रहते हुए अनुज की सैलरी 56,100 से 1,77,500 रुपये के पे-बैंड में थी. ASP बनने के बाद इसमें 15,000 से 25,000 रुपये का इजाफा होगा. यह सिर्फ आर्थिक मजबूती नहीं, बल्कि उच्च पदों SP, DIG, IG और DGP तक पहुंचने की दिशा में पहला बड़ा कदम है. अनुज चौधरी का यह प्रमोशन इस बात का सबूत है कि कठिन परिस्थितियों में भी डटकर खड़े होने वाले अधिकारी न केवल सम्मान, बल्कि सफलता के उच्चतम पायदान तक पहुंचते हैं.

