Share Market: भारतीय शेयर बाजार ने मंगलवार को सकारात्मक वैश्विक संकेतों और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के मौजूदा ब्याज दरों को बनाए रखने की उम्मीदों के बीच मजबूती के साथ शुरुआत की. मंगलवार को बाजार खुलते ही सेंसेक्स 388.45 अंकों की बढ़त के साथ 74,558.41 पर खुला, जबकि निफ्टी 153.50 अंकों की तेजी के साथ 22,662.25 पर कारोबार शुरू हुआ.
शुरुआती कारोबार में बढ़त और गिरावट वाले शेयर
निफ्टी में शामिल 50 कंपनियों में से 43 कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी गई, जबकि सात कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई.
शीर्ष लाभार्थी:
- हिंडाल्को (Hindalco)
- आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank)
- एक्सिस बैंक (Axis Bank)
- श्रीराम फाइनेंस (Shriram Finance)
- महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M)
शीर्ष नुकसान वाले शेयर:
- एचसीएल टेक (HCL Tech)
- टीसीएस (TCS)
- टेक महिंद्रा (Tech Mahindra)
- ओएनजीसी (ONGC)
- सन फार्मा (Sun Pharma)
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति पर नजर
बाजार विशेषज्ञ अजय बग्गा ने बताया, “इस सप्ताह 10 केंद्रीय बैंक अपनी ब्याज दरों पर निर्णय लेने वाले हैं. ऐसे में जोखिम भरे निवेशकों की निगाहें अमेरिकी फेडरल रिजर्व पर टिकी हुई हैं. फेड फ्यूचर्स में 99% संभावना जताई जा रही है कि फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) अपनी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगी.”
उन्होंने आगे कहा, “जापान और इंग्लैंड के केंद्रीय बैंक भी फिलहाल अपनी नीतियों में कोई बदलाव नहीं करने वाले हैं. अमेरिकी बाजार लगातार दूसरे दिन मजबूती के साथ बंद हुए हैं, जिसकी वजह अमेरिका में उम्मीद से बेहतर खुदरा बिक्री के आंकड़े हैं. एशियाई बाजारों में भी तेजी देखी गई है.”
एफपीआई और डीआईआई का प्रभाव
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) द्वारा बड़ी मात्रा में नकद बिक्री के बावजूद भारतीय बाजार सोमवार को मजबूती के साथ बंद हुआ. इसका मुख्य कारण घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) का मजबूत प्रदर्शन रहा.
संभावित अस्थिरता की चेतावनी
बग्गा ने आगाह किया कि एफओएमसी बैठक के बाद बुधवार को बाजार में हल्की गिरावट देखने को मिल सकती है. उन्होंने कहा, “फेड फ्यूचर्स दर्शा रहा है कि बाजार 2025 में तीन बार ब्याज दरों में कटौती की संभावना का अनुमान लगा रहा है. यदि फेडरल रिजर्व के अधिकारी इस पर कोई कड़ी टिप्पणी करते हैं, तो बुधवार को अमेरिकी बाजार में हल्का बिकवाली दबाव देखने को मिल सकता है.”
निवेशकों की नजर फेडरल रिजर्व पर
निवेशकों की नजर अब अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति और इसके बाद के बयानों पर टिकी रहेगी, जो आने वाले दिनों में बाजार की दिशा तय कर सकते हैं.
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