Gold Rupees Price: वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच भारत के वित्तीय बाजारों में हलचल तेज हो गई है. एक ओर डॉलर के मुकाबले रुपया फिसल गया, तो दूसरी ओर सोना और चांदी जैसे सुरक्षित निवेश साधनों में जबरदस्त तेजी देखी गई. निवेशक जहां एक ओर डॉलर की मजबूती से चिंतित हैं, वहीं दूसरी ओर अमेरिका और वैश्विक स्तर पर व्यापार तनाव और युद्ध की आशंका ने कीमती धातुओं की मांग को बढ़ा दिया है.
सोने और चांदी की कीमतों में आई उछाल
मंगलवार को दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 2,400 रुपये की भारी छलांग के साथ 99,750 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई. सोमवार को यह कीमत 97,350 रुपये थी. 99.5% शुद्धता वाला सोना भी 2,400 रुपये की तेजी के साथ 99,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंचा. सर्राफा संघ के अनुसार, चांदी की कीमत में भी 1,800 रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 98,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई.
विश्लेषकों के मुताबिक, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से संभावित नए शुल्कों की घोषणा के बाद सुरक्षित निवेश की मांग में बढ़ोतरी हुई है. व्यापार तनाव और वैश्विक वृद्धि पर चिंता के कारण निवेशकों ने सोना-चांदी की ओर रुख किया है.
वैश्विक स्तर पर भी सोना-चांदी चमके
अंतरराष्ट्रीय बाजार में हाजिर सोना 1.37% बढ़कर 3,379.77 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया, जबकि चांदी 1.64% चढ़कर 33 डॉलर प्रति औंस हो गई. डॉलर की कमजोरी और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने भी इस तेजी को समर्थन दिया. एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने बताया कि रूस-यूक्रेन युद्ध, मध्य-पूर्व संघर्ष और भारत-पाकिस्तान तनाव जैसी घटनाएं निवेशकों को सोने की ओर खींच रही हैं.
डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ रुपया
मंगलवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 15 पैसे गिरकर 84.45 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ. यह गिरावट विदेशी निवेशकों की सतर्कता, घरेलू शेयर बाजार की कमजोरी और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के कारण देखी गई. रुपया दिन में 84.28 पर खुला और 84.26 से लेकर 84.63 के दायरे में कारोबार करता रहा. सोमवार को यह 84.30 पर बंद हुआ था. एचडीएफसी सिक्योरिटीज के दिलीप परमार के अनुसार, चीन के युआन में कमजोरी और भारतीय रिजर्व बैंक की संभावित हस्तक्षेप की वजह से रुपया दबाव में रहा.
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निवेशकों की नजर फेड की बैठक पर
बाजार की नजर अब अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक और उसके संभावित संकेतों पर है. यदि ब्याज दरों में कोई बदलाव होता है या कोई कठोर संकेत मिलता है, तो सोने-चांदी की चाल और रुपये की दिशा पर बड़ा असर पड़ सकता है.
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