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हलवा सेरेमनी के बाद पूरे 10 दिन के लिए दुनिया से कट जाते हैं अधिकारी, कड़े पहरे में ऐसे तैयार होता है बजट

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जो अधिकारी और कर्मचारी बजट तैयार करते हैं, वे पूरे 10 दिनों तक अपने घर-परिवार से कटे रहते हैं. इस काम में जुटे करीब 100 अधिकारियों और कर्मचारियों की फौज को अपने घर जाने तक की भी इजाजत नहीं होती.

नई दिल्ली : संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी एक फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश करेंगी, जबकि उससे एक दिन पहले 31 जनवरी को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जा रहा है. वहीं, बजट को लेकर तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो चुकी हैं. संसद भवन में अधिकारी और कर्मचारी बजट को तैयार करने में दिन-रात जुटे हुए हैं. बजट की छपाई का काम बहुत ही गोपनीय तरीके से होता है. इसके लिए बजट तैयार करने में जुटे अधिकारी और कर्मचारी पूरे 10 दिनों के लिए पूरी दुनिया से कट जाते हैं. हलवा सेरेमनी के बाद करीब-करीब वे एक तरह से कैद हो जाते हैं, क्योंकि बजट तैयार करने के लिए उन्हें कड़े पहरे में काम करना पड़ता है. आइए जानते हैं बजट से जुड़ी कुछ अहम और रोचक बातें…

पूरे 10 घर-परिवार से रहते हैं दूर

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जो अधिकारी और कर्मचारी बजट तैयार करते हैं, वे पूरे 10 दिनों तक अपने घर-परिवार से कटे रहते हैं. इस काम में जुटे करीब 100 अधिकारियों और कर्मचारियों की फौज को अपने घर जाने तक की भी इजाजत नहीं होती. बजट तैयार करने के दौरान वित्त मंत्री के बेहद वरिष्ठ और भरोसेमंद अधिकारियों को ही घर जाने की इजाजत होती है. जब तक बजट पेश नहीं हो जाता, तब तक बजट तैयार करने की प्रक्रिया से जुड़े लोगों की सुरक्षा-व्यवस्था के मद्देनजर इस दौरान वित्त मंत्रालय की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद होती है. किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वित्त मंत्रालय में नहीं होता है.

चौतरफा पहरे से घिरा रहता है वित्त मंत्रालय

वित्त मंत्रालय में खुफिया विभाग से लेकर के साइबर सिक्योरिटी सेल सबका पहरा रहता है. इन 10 दिनों तक मंत्रालय के अंदर कोई भी मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करता. केवल लैंडलाइन फोन के जरिए ही बातचीत की जाती है. यह चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था देश के वित्तीय लेखा-जोखा को तैयार करने के दौरान कोई भी अंदरूनी जानकारी लीक न होने देने के लिए की जाती है. यही वजह है कि इस कार्य में जुटे सभी अधिकारी और कर्मचारियों को कड़ी निगरानी के बीच बाहर की दुनिया से दूर रहना पड़ता है.

डॉक्टरों की टीम रहती है मौजूद

सबसे खास बात यह भी है कि बजट तैयार करने के दौरान वित्त मंत्रालय में पूरे 10 दिनों तक डॉक्टरों की टीम भी तैनात रहती है. किसी कर्मचारी के बीमार पड़ने पर उसे वहीं पर मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए यह व्यवस्था की जाती है. बीमार कर्मचारी को भी 10 दिनों के लिए अस्पताल में इलाज कराने की मनाही होती है.

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इंटरनेट का यूज पूरी तरह से बंद

बजट तैयार होने के दौरान आखिरी के 10 दिनों में इंटरनेट के इस्तेमाल पर भी पाबंदी रहती है. जिन कंप्यूटरों पर बजट डॉक्यूमेंट मौजूद होता है, उनसे इंटरनेट और एनआईसी के सर्वर से डिलिंक कर दिया जाता है. इससे किसी भी प्रकार की हैकिंग का डर नहीं रहता है. इन कंप्यूटरों को केवल प्रिंटर और छपाई मशीन से कनेक्ट करके रखा जाता है.

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