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क्या होता है ETF, पैसे बनाने के लिए म्यूचुअल फंड से है अच्छा! जानें कैसे करें निवेश

Exchange Traded Fund vs Mutual Funds: म्यूचुअल फंड के बारे में ज्यादातर लोग जानते हैं. मगर, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Exchange-Traded Fund) के बारे में काफी लोगों को जानकारी नहीं है. इस खबर में हम आपको बतायेंगे कि म्यूचुअल फंड में निवेश ETF में निवेश से अलग कैसे है.

Exchange Traded Fund vs Mutual Funds: चाहे आप नौकरी करते हो या बिजनेस, मगर एक बात तय है कि कमाने के साथ बचाना भी जरूरी है. ऐसे में लोग निवेश के विकल्प की तलाश करते हैं. हाल के दिनों में पारंपरिक बैंक निवेश से अलग, लोग जमकर म्यूचुअल फंड के साथ ETF में निवेश कर रहे हैं. म्यूचुअल फंड के बारे में ज्यादातर लोग जानते हैं. मगर, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Exchange-Traded Fund या ETF) के बारे में काफी लोगों को जानकारी नहीं है. इस खबर में हम आपको बतायेंगे कि म्यूचुअल फंड में निवेश ETF में निवेश से अलग कैसे है. इसके साथ ही, इसमें मुनाफे के चांस ज्यादा कैसे है. हालांकि, ETF में निवेश करना बाजार जोखिमो के अधीन है. इसमें निवेश से पहसे पूरी जानकारी प्राप्त करके अपने रिस्क फैक्टर के अनुकूल निवेश करना चाहिए. एक्सपर्ट बताते हैं कि इसमें निवेश पर रिस्क फैक्टर म्यूचुअल फंड से ज्यादा होता है.

क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड

एक्सचेंज ट्रेडेड फंड, म्यूचुअल फंड और स्टॉक का मिलाजुला रुप है. इसके एक निश्चित पोर्टफोलियो के लिए डिजाइन किया जा है. इसमें निवेश करने पर कोई न्यूनतम लॉकइन अवधि नहीं होती है. आप किसी भी व्यापारिक दिन बाजार खुला रहने पर पैसा डाल और निकाल सकते हैं. ईटीएफ को पैसिव तरीके से चलाया जाता है. ETFs का मूल पोर्टफोलियो किसी निश्चित वित्तीय वर्ग को प्रतिनिधित्व करता है, जैसे कि सेंसेक्स ETF, जो सेंसेक्स इंडेक्स के पोर्टफोलियो को प्रतिनिधित्व करता है. इसको विनिमय किया जा सकता है जब भी बाजार खुला होता है, जिसका मतलब है कि विनिमय जैसे वित्तीय लेन-देन के दौरान यह बेचा और खरीदा जा सकता है. ETFs की लागत आमतौर पर सामान्य होती है और यह एक्सपेंस रेशियो ट्रेडिंग (expense ratio) के रूप में व्यक्त होती है, जिसमें फंड के प्रबंधन और अन्य लेखन लागत शामिल होती है. ETFs विभिन्न प्रकार की संपत्तियों जैसे कि शेयरों, बॉन्डों, कमोडिटीज़, और अन्य वित्तीय संपत्तियों के लिए उपलब्ध होते हैं और विनिमय बाजार में ट्रेड होते हैं, जिससे विनिमयकरण और निवेश की सुविधा मिलती है. ETFs का उपयोग निवेशकों और ट्रेडर्स द्वारा पॉर्टफोलियो विवादों के निवारण, वित्तीय विवाधताओं के प्रबंधन, और विविधता में निवेश करने के लिए किया जाता है.

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एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश कैसे करें

एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में निवेश करने के लिए सबसे पहले खुब अच्छे से सोच विचार कर लें. इसके साथ ही, बाजार में शुरू में थोड़ा पैसा लगाएं. निवेश करने के लिए इन स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं.

  • वित्तीय योजना तय करें: सबसे पहला कदम यह है कि आपको किस प्रकार की वित्तीय योजना में निवेश करना है. विभिन्न ETFs विभिन्न सेक्टर्स, विभागों और वित्तीय संपत्तियों के लिए उपलब्ध होते हैं.

  • डीमैट खाता खोलें: एक डीमैट (Demat) खाता एक ऐसा खाता है जिसमें आपके वित्तीय उपकरणों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से थामा जाता है. आपको एक डीमैट खाता खोलने के लिए एक निवेशक कैसे खोल सकते हैं इस विषय पर बैंक या वित्तीय निकाय से संपर्क करें.

  • वित्तीय सलाह लें: यदि आप पहली बार निवेश कर रहे हैं, तो एक वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेना उपयुक्त हो सकता है. वे आपके वित्तीय लक्ष्यों और आवश्यकताओं के आधार पर सहायता कर सकते हैं.

  • वित्तीय निकाय चयन करें: आपके वित्तीय योजना और आवश्यकताओं के आधार पर, एक अनुकूल ETF का चयन करें. ध्यान दें कि विभिन्न वित्तीय निकाय विभिन्न ETFs की प्रस्ताविति कर सकते हैं.

  • ऑर्डर दर्ज करें: जब आप अपने चयनित ETF का नाम और जनकारी डेमैट खाते में रखेंगे, तो आप वित्तीय निकाय के माध्यम से निवेश के लिए आदेश दर्ज करेंगे. आप आदेश विवरणों की समीक्षा करने के बाद आगे बढ़ेंगे.

  • ट्रेड और निवेश की प्रक्रिया पर नजर रखें: आपका आदेश पूरा होने के बाद, आपका ETF आपके डेमैट खाते में जमा हो जाएगा. आप अपने निवेश की प्रक्रिया और उसकी प्रगति को अपने डेमैट खाते या वित्तीय निकाय के माध्यम से देख सकते हैं.

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एक्सचेंज ट्रेडेड फंड और म्यूचुअल फंड में क्या अंतर है

एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) और म्यूचुअल फंड में अंतर को ऐसे समझ सकते हैं.

निवेश का तरीका:

  • ETF: एक्सचेंज ट्रेडेड फंड बाजार में व्यापकता के साथ विनिमय किया जा सकता है और यह विभिन्न वित्तीय संपत्तियों की तुलना करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह बाजार में व्यापकता के साथ व्यापकता करता है और निवेशकों को विभिन्न निवेश संविदान दिखाता है.

  • म्यूचुअल फंड: म्यूचुअल फंड निवेश कंपनियों द्वारा व्यवस्थित और प्रबंधित होते हैं, जिनका लक्ष्य विभिन्न निवेश विकल्पों में निवेश करके निवेशकों की वित्तीय वर्तनी को प्रबंधित करना है.

कार्यक्षमता और लिक्विडिटी:

  • ETF: ETFs विनिमय बाजार में व्यापकता के साथ विनिमय किये जा सकते हैं और निवेशकों को तुरंत खरीदने और बेचने की स्वतंत्रता देते हैं.

  • म्यूचुअल फंड: म्यूचुअल फंड्स को निवेश करने या निकालने के लिए निवेशकों को निवेश कंपनी से निवेश करने के लिए आदेश देना होता है और यह विनिमय बाजार में नहीं खरीदा जा सकता.

निवेश विकल्प:

  • ETF: ETFs विभिन्न वित्तीय संपत्तियों के निवेश का एक सरल और सटीक तरीका प्रदान करते हैं, जैसे कि शेयरों, बॉन्डों, कमोडिटीज़, और अन्य.

  • म्यूचुअल फंड: म्यूचुअल फंड्स विभिन्न निवेश विकल्पों के सेट को प्रबंधित करते हैं जैसे कि शेयर, बॉन्ड, डेबेंचर, और अन्य.

निवेश की लागत:

  • ETF: ETFs की लागत आमतौर पर निवेशकों को बेहद सामान्य लगती है और यह एक्सपेंस रेशियो ट्रेडिंग (expense ratio) के रूप में व्यक्त होती है, जिसमें फंड के प्रबंधन और अन्य लेखन लागत शामिल होती है.

  • म्यूचुअल फंड: म्यूचुअल फंड्स की लागत भी व्यक्ति कंपनियों द्वारा व्यवस्थित होती है, और इसमें अनुपातिक लागत, प्रबंधन शुल्क आदि शामिल होते हैं.

विवादों का प्रबंधन:

  • ETF: ETFs में विनिमयकरण की प्रक्रिया अधिक सरल और सुरक्षित है, क्योंकि निवेशक अपने वित्तीय उपकरणों की सीधी संपत्ति के साथ होते हैं.

  • म्यूचुअल फंड: म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने के लिए वित्तीय निकायों को वित्तीय वर्तनी को प्रबंधित करने का अधिकार होता है.

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