Kadaknath Chicken: “ब्लैक चिकन” के नाम से मशहूर कड़कनाथ मुर्गे की मांग बाजार में काफी तेजी से बढ़ती जा रही है. कड़कनाथ मुर्गे का मांस जितना महंगा है, उसकी मुर्गी भी उससे कम महंगी नहीं है और खास तो यह है कि उसका अंडा भी महंगा ही बिकता है. कड़कनाथ मुर्गी अपनी उच्च पोषण गुणवत्ता और बाजार में ऊंची कीमत के कारण किसानों के लिए लाभदायक व्यवसाय बन गई है. झारखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कई किसान अब पारंपरिक मुर्गी पालन की जगह कड़कनाथ मुर्गे का पालन कर रहे हैं. यह मुर्गी अपने काले रंग, प्रोटीन से भरपूर मांस और कम कोलेस्ट्रॉल वाले अंडों के लिए प्रसिद्ध है.
झारखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कड़कनाथ पालन
मध्य प्रदेश का झाबुआ जिला कड़कनाथ मुर्गे के पालन के लिए सबसे प्रसिद्ध है. यह प्रजाति मुख्य रूप से झाबुआ, अलीराजपुर और धार जिलों में पाई जाती है. झारखंड और छत्तीसगढ़ में भी अब किसान इसे बड़े पैमाने पर पाल रहे हैं. झारखंड में पूर्व क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी ने अपने फार्म हाउस में कड़कनाथ मुर्गी पालन शुरू किया था, जिससे यह राज्य में लोकप्रिय हुआ. छत्तीसगढ़ सरकार भी किसानों को कड़कनाथ मुर्गी पालन के लिए प्रोत्साहित कर रही है.
कड़कनाथ पालन पर खर्च और मुनाफा
कड़कनाथ पालन में शुरुआती निवेश सफेद ब्रॉयलर मुर्गी की तुलना में थोड़ा अधिक होता है, लेकिन इसका बाजार मूल्य ज्यादा होने के कारण मुनाफा भी अधिक होता है.
- शुरुआती लागत: 100 चूजों के लिए लगभग 15,000 से 20,000 रुपये
- खाने पर खर्च: करीब 4 से 5 महीने तक प्रति चूजा 500 से 700 रुपये का खर्च
- मुर्गे की बाजार कीमत: 800 से 1200 रुपये प्रति किलोग्राम
- अंडों की कीमत: 30 से 50 रुपये एक अंडा
- अगर कोई किसान 100 कड़कनाथ मुर्गियों का पालन करता है, तो वह सालभर में 3 से 4 लाख रुपये तक की आमदनी कर सकता है.
कड़कनाथ मुर्गे की बाजार में मांग और कीमत
कड़कनाथ का मांस पारंपरिक सफेद ब्रॉयलर से अधिक महंगा बिकता है. सामान्य ब्रॉयलर चिकन की कीमत जहां 200 से 300 रुपये प्रति किलो होती है, वहीं कड़कनाथ चिकन 800 से 1200 रुपये प्रति किलो बिकता है. इसका मांस स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है. इसलिए यह स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों और होटल उद्योग में अत्यधिक मांग में रहता है.
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महेंद्र सिंह धोनी का कड़कनाथ फार्म
टीम इंडिया के कैप्टन कूल के नाम से मशहूर क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी ने झारखंड स्थित अपने फार्म हाउस में कड़कनाथ मुर्गी पालन शुरू किया था, जिससे यह व्यवसाय और अधिक चर्चा में आया. धोनी ने इस व्यवसाय में निवेश करके यह दिखाया कि कड़कनाथ पालन किसानों के लिए एक लाभदायक विकल्प हो सकता है. उनके इस कदम से झारखंड और आसपास के राज्यों के किसान भी इस व्यवसाय की ओर आकर्षित हुए हैं.
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