क्या आपने कभी पैकेट में बिस्कुट गिनकर खाया है, नहीं. तो अब बिस्कुट गिनकर खाया करिये. दरअसल, FMCG की सबसे बड़ी ब्रांड ITC Ltd. को बिस्कुट के पैकेट में एक बिस्कुट कम देना महंगा पड़ गया. बताया जा रहा है कि यहां के जिला उपभोक्ता मंच ने आईटीसी लिमिटेड खाद्य प्रभाग को अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए एक उपभोक्ता को एक लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है. उपभोक्ता ने यह शिकायत की थी कि कंपनी के बिस्कुट ब्रांड सनफीस्ट मेरी के लाइट के पैकेट में उसे एक बिस्कुट कम मिला था. जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने अपने हालिया आदेश में कंपनी को ‘बैच संख्या 0502सी36 में विवादित बिस्कुट ‘सनफीस्ट मेरी लाइट’ की बिक्री बंद करने का भी निर्देश दिया.’ मंच ने कंपनी की इस दलील को खारिज कर दिया कि बिस्कुट के वजन के संबंध में दी गई चुनौती लागू नहीं होगी.
मुकदमा का खर्च भी भुगतान करेगी कंपनी
शिकायतकर्ता चेन्नई के पी. दिलीबाबू ने आरोप लगाया कि पैकेट पर इस बात का उल्लेख था कि इसमें 16 बिस्कुट हैं. हालांकि, इसमें एक बिस्कुट कम निकला. आदेश में कहा गया है कि पहले कंपनी के वकील ने यह तर्क दिया कि उत्पाद केवल वजन के आधार पर बेचा गया था, न कि बिस्कुट की संख्या के आधार पर. ऐसे तर्कों को स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि रैपर स्पष्ट रूप से खरीदारों को जानकारी प्रदान करता है. उपभोक्ताओं को केवल बिस्कुट की संख्या के आधार पर उत्पाद खरीदना होगा. मौजूदा मामले में सबसे बड़ा आरोप बिस्कुट की कम संख्या को लेकर ही है. इसके बाद उपभोक्ता फोरम ने निर्देश दिया कि कंपनी दिलीबाबू को मुआवजे के रूप में एक लाख रुपये और मुकदमा खर्च के लिए 10,000 रुपये का भुगतान करे.
क्या है कंज्यूमर कोर्ट
कंज्यूमर कोर्ट एक न्यायिक संस्था है जो उपभोक्ताओं और सेवा प्रदानकर्ताओं के बीच उत्पन्न विवादों और उपभोक्ता विकास और सुरक्षा को प्राथमिकता देती है. कंज्यूमर कोर्ट अधिकांशत: राज्यों में विभिन्न स्तरों पर मौजूद हैं और यहां विभिन्न प्रकार के उपयोगकर्ता वस्त्रों, सेवाओं, और उत्पादों के लिए जनता की सुरक्षा का काम करती हैं. कंज्यूमर कोर्ट एक महत्वपूर्ण संस्था हैं जो उपभोक्ताओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा करने में मदद करती हैं. ये सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं कि व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं और व्यवसायों के बीच उत्पन्न विवादों को न्यायिक रूप से और सही तरीके से समाधान किया जाता है. कंज्यूमर कोर्ट उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा और उनके सुरक्षित व्यवहार की सुनिश्चित करने के लिए स्थापित की जाती है. यह उन्हें विभिन्न उपयोगकर्ता वस्त्र, जीवन या स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याओं के बारे में विचार करने का मौका देती है. उपभोक्ता वस्त्र या सेवाओं की गुणवत्ता और प्रदान करने के तरीके के संदर्भ में उनके अधिकारों का विचार करते हैं. कंज्यूमर कोर्ट उपभोक्ताओं के हक की सुरक्षा के लिए जुर्माना और सजा का निर्धारण कर सकती हैं. यह उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों की सुरक्षा महसूस कराता है और विपणन या सेवा प्रदानकर्ताओं को उनकी जिम्मेदारियों का पालन करने के लिए प्रेरित करता है. कंज्यूमर कोर्ट विवादों को तीखी और तेजी से सुलझाने का प्रयास करती हैं, ताकि उपभोक्ताओं का विश्वास बने और उन्हें विभिन्न उपयोगकर्ता वस्त्र या सेवा की गुणवत्ता के संदर्भ में आत्म-संरक्षा करने की स्थिति मिले. यह उन उपयोगकर्ताओं को सजा देती है जो उत्पन्न वस्त्र या सेवाओं की गुणवत्ता या प्रदान करने में लापरवाही दिखाते हैं.